भारत में पहली बार, केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso lake) में फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन किया गया. इस फ्रोजन लेक मैराथन को पहली बार आधिकारिक तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में सबसे ऊंची फ्रोजन लेक मैराथन के रूप में शामिल किया गया है.
पैंगोंग त्सो झील पर इस हाफ मैराथन का आयोजन कल किया गया था. यह झील समुद्र तल से चार हजार 350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. भारत में इस तरह के फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन पहली बार किया गया है.
One of the most popular attractions in #Ladakh, the Pangong Tso Lake hosted India’s first 'frozen-lake marathon' at a height of 13,862 ft on 20 Feb. (1/2)#AmritMahotsav #WhatsTrending #MainBharatHoon pic.twitter.com/loO1QuuoEZ
— Amrit Mahotsav (@AmritMahotsav) February 21, 2023
क्या था मैराथन का थीम?
इस मैराथन का थीम 'द लास्ट' रन था. इसका आयोजन लद्दाख में क्लाइमेट चेंज के बारे में लोगों को जागरूक करने सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था. इस तरह का आयोजन राज्य के सीमावर्ती गांवों में विकास की गति को और तेज करेगा. इस मैराथन का आयोजन जीवंत ग्राम कार्यक्रम के तहत की गयी.
पैंगोंग त्सो लेक पर बना वर्ल्ड रिकॉर्ड:
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स के साथ पैंगोंग त्सो लेक पर फ्रोजन लेक मैराथन का आयोजन किया गया. इस मैराथन में 75 धावकों ने भाग लिया.
पैंगोंग त्सो लेक पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा (LAC) पर स्थित है, जहाँ इस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. जिसमें धावकों के 21 किलोमीटर की मैराथन को पूरा किया.
फ्रोजन लेक मैराथन, हाइलाइट्स:
पैंगोंग त्सो झील हाफ मैराथन का आयोजन, एडवेंचर स्पोर्ट्स फाउंडेशन लद्दाख, लद्दाख पर्यटन विभाग, लेह स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद, आदि द्वारा किया गया.
इस मैराथन के लिए धावकों के चयन का खास ध्यान रखा गया था. इसके लिए ऊंचाई वाले इलाकों में लंबी दौड़ का अनुभव रखने वाले धावकों को इस रेस में खासतौर पर शामिल किया गया था. इसमे अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटिश के भी धावक ने हिस्सा लिया.
इस मैराथन के समापन के बाद आयोजकों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. इस तरह के आयोजनों से कार्बन न्यूट्रल लद्दाख और पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
धावकों के लिए थी विशेष व्यवस्था:
इस हाफ मैराथन के लिए धावकों ने विशेष रूप से तैयार एक से अधिक लेयर वाले कपड़े पहने थे. साथ ही धावकों के लिए मैराथन रूट पर एनर्जी स्टेशन और एंबुलेंस जैसी व्यवस्था दी गयी थी.
पैंगोंग त्सो झील के बारें में:
पैंगोंग त्सो झील एक एंडोरहिक (लैंडलॉक) लेक है. यह समुद्र तल से लगभग 4,200 मीटर (13,862 फीट) से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है. यह एक ट्रांसबॉर्डर झील है जो पूर्वी लद्दाख और पश्चिमी तिब्बत में फैली हुई है, जिसकी लंबाई 135 किमी से अधिक है.
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