मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 11 दिसंबर 2016 को अमरकंटक से नर्मदा सेवा यात्रा अथवा ‘‘नमामि देवि नर्मदे यात्रा‘‘ आरंभ की गयी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से इस यात्रा का आरंभ किया गया. नर्मदा नदी की पूरी परिक्रमा किये जाने के बाद 11 मई 2017 को इस यात्रा का समापन होगा. यात्रा का उद्देश्य नदी के संरक्षण के साथ तटीय क्षेत्रों में पौधारोपण करना एवं इसे प्रदूषण मुक्त बनाना है.
मुख्य बिंदु
• शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नर्मदा के दोनों ओर फलदार पेड़ लगाए जाएंगे जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ सके एवं इसका प्रवाह सरल बना रहे.
• मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जिन किसानों के खेत नर्मदा के किनारे स्थित हैं तथा जो किसान अपने खेतों में फलदार पेड़ लगायेंगे उन्हें सरकार द्वारा 20 हज़ार रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी.
• नर्मदा नदी में मिलने वाले गंदे नालों के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा साफ़ किया जाएगा.
• साफ़ किये गये पानी को खेतों में सिंचाई के तौर पर प्रयोग किया जाएगा अथवा इसे साफ़ करके नर्मदा में डाला जाएगा.
• नर्मदा के किनारे मुक्तिधान भी बनाए जायेंगे ताकि नर्मदा का जल प्रदूषित न हो.
• नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा.
• नदी के किनारे स्थित गावों को मिलाकर नर्मदा सेवा समिति बनाई गयी. इस समिति द्वारा नदी के संरक्षण के लिए उपयुक्त कदम उठाये जायेंगे.
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