भारत ने 16 अप्रैल 2018 को मेघालय कम्युनिटी-लेड लैंडस्केप्स मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के लिए विश्व बैंक के साथ 48 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आईबीआरडी ऋण के लिए एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए.
ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से संयुक्त सचिव (एमआई), आर्थिक कार्य विभाग, समीर कुमार खरे तथा विश्व बैंक की ओर से हिशम ए अब्दो काहीन, एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर, विश्व बैंक (भारत) ने हस्ताक्षर किए. परियोजना की अंतिम तिथि 30 जून 2023 है.
परियोजना का उद्देश्य:
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मेघालय राज्य में चुनिन्दा भू-दृश्यों में समुदायिक-लेड लैंडस्केप्स प्रबंधन को सुदृढ़ करना है.
परियोजना के तीन घटक:
परियोजना के तीन घटक हैं:-
प्राकृतिक संसाधन प्रबंध हेतु ज्ञान और क्षमता सुदृढन
समुदाय संचालित भू-दृश्य नियोजन एवं कार्यान्वयन
परियोजना प्रबंध एवं प्रशासन.
परियोजना का महत्व:
मेघालय के प्राकृतिक संसाधन यथा भूमि जल संसाधन तथा वन राज्य की अधिकांश जनसंख्या की जीविका के स्रोत हैं. यह परियोजना निरंतर घट रहे इन संसाधनों के समुदायिक तथा पारंपरिक संस्थानों को सदृढ़ करके इनके प्रबंध में सहायक होगी.
इस परियोजना के अंतर्गत डिग्रेडिड तथा अत्यधिक डिग्रेडिड भू-दृश्यों को पुनर्जीवित कर स्थानीय समुदायों के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ेगी तथा मृदा उत्पादकता में सुधार होगा, जिसके कारण आय में वृद्धि होगी और गरीबी कम होगी.
यह भी पढ़ें: वर्ष 2018 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान: विश्व बैंक
Comments
All Comments (0)
Join the conversation