ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 16 नवंबर, 2021 को डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया.
DILRMP पर राष्ट्रीय कार्यशाला के प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
- यह कार्यशाला राज्यों को क्षेत्र में एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और नवीनतम सॉफ्टवेयर विकास के बारे में जानने में सक्षम बनाएगी.
DILRMP पर राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन
उक्त कार्यशाला का उद्घाटन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने किया. उन्होंने इस अवसर पर "राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (NGDRS) पोर्टल और डैशबोर्ड भी लॉन्च किया.
राष्ट्रीय सामान्य दस्तावेज़ पंजीकरण प्रणाली (NGDRS)
NGDRS दरअसल, पंजीकरण करने के लिए एक आंतरिक उन्नत सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है. यह प्रणाली विन्यास योग्य है और भारत में राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुकूल है.
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राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार, 2021
राष्ट्रीय भूमि प्रबंधन पुरस्कार, 2021 की शुरुआत भारत की विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना और उन्हें अधिक प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए भूमि संसाधन विभाग द्वारा की गई थी. यह विभाग भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर, देश के सभी राज्यों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग भी प्रदान करेगा.
विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (ULPIN)
विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर - ULPIN) पूरे देश में विभिन्न भू-खंडों के आधार नंबर की तरह है. इस अनूठी प्रणाली में संबद्ध भूखंड के भू-निर्देशांक के आधार पर एक विशिष्ट आईडी तैयार की जाएगी. इन भूखंडों को यूनिक आईडी दी गई है. यह प्रणाली 13 राज्यों में लागू की गई है और अन्य 06 राज्यों में इसका प्रायोगिक परीक्षण किया गया है. उक्त विभाग वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक पूरे देश में यूनिक आईडी आवंटित करने की प्रक्रिया को पूरा करना चाहता है.
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