खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा हाल ही में देश भर के किसानों और बेरोजगार युवाओं के बीच एक लाख से अधिक मधुमक्खियों के बक्से वितरित किये गए. इसका मुख्य उद्देश्य हनी-मिशन को बढ़ावा देना और बेरोजगार लोगों को आय का स्रोत प्रदान करना है.
केवीआईसी ने शहद उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने हेतु अपनी ‘हनी मिशन’ पहल के तहत दो साल से भी कम समय में देश भर के किसानों और बेरोजगार युवाओं के बीच मधुमक्खियों के बक्से वितरित किये हैं. इसके अतिरिक्त मधुमक्खी पालकों को बुनियादी प्रशिक्षण भी दिया गया.
मुख्य बिंदु:
• खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने मधुमक्खी पालन के लिये देश में पहली बार एक लाख से अधिक बक्से बांटे हैं.
• केवीआईसी के अनुसार, इस मिशन के तहत 10,000 से अधिक नए रोज़गार पैदा किये गए हैं.
• केवीआईसी ने मधुमक्खी के दुश्मनों और बीमारियों की पहचान एवं प्रबंधन, वानस्पतिक उपकरणों के साथ परिचित कराने, मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी कॉलोनी की जांच करने और शहद निकालने आदि के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया है.
• केवीआईसी के अनुसार, शहद और मोम के उत्पादन के अलावा, मधुमक्खी पालन बेरोजगार युवाओं और इच्छुक युवा उद्यमियों के लिए रोजगार के कई अवसर खोलेगा.
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हनी मिशन के बारे में: |
हनी मिशन' को अगस्त 2017 में गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में हनी परियोजना की शुरुआत करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2016 में 'मीठी क्रांति' के आह्वान के साथ शुरु किया गया था. हनी मिशन के तहत, खादी और ग्रामोद्योग आयोग किसानों को प्रशिक्षण और बक्से भी प्रदान करता है. केवीआईसी ने हनी मिशन परियोजना के तहत मधुमक्खी पालन उद्योग की इकाई स्थापित करने के लिए अनुदान की शुरूआत की है. मधुमक्खी पालन और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2016 में 'मीठी क्रांति' ' की शुरुआत की गई थी. हनी मिशन के तहत मधुमक्खी पालन कर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं. |
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के बारे में:
• यह खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के अंतर्गत स्थापित एक वैधानिक निकाय है.
• यह संगठन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है.
• पूर्व के अखिल भारतीय खादी एवं ग्रामीण उद्योग बोर्ड का पूरा कार्यभार अप्रैल 1957 में इसने संभाल लिया था.
• इसका मुख्यालय मुंबई में है, जबकि अन्य संभागीय कार्यालय दिल्ली, भोपाल, बंगलोर, कोलकाता, मुंबई और गुवाहाटी में स्थित हैं.
• संभागीय कार्यालयों के अतिरिक्त, अपने विभिन्न कार्यक्रमों का कार्यान्वयन करने हेतु 29 राज्यों में भी इसके कार्यालय हैं.
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