National Science Day 2022: हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है. यह दिवस देश के विकास में वैज्ञानिकों के योगदान को चिह्नित करने एवं पहचानने हेतु मनाया जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित और प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएँ, विज्ञान अकादमियों, स्कूल एवं कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में प्रत्येक साल मनाया जाता है.
इस साल की थीम
इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 का थीम 'सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण' (Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable Future) है.
यह दिवस क्यों मनाया जाता है?
रमन प्रभाव की खोज के वजह से ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इस खोज की घोषणा 28 फरवरी 1928 में भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन की थी. सर चंद्रशेखर वेंकटरमन को इस खोज के लिए साल 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया गया?
पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य विज्ञान की अहमियत एवं इसके उपयोग के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है.
रमन प्रभाव क्या है?
रमन प्रभाव एक घटना है, जब किसी प्रकाश किरण से एक धूल कण टकराता है. इसमें किसी प्रकाश किरण को जब अणुओं से हटाया जाता है तो प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन हो जाता है. रमन प्रभाव के मुताबिक प्रकाश की प्रकृति और स्वभाव में तब परिवर्तन होता है, जब वह किसी पारदर्शी माध्यम से निकलता है. आपको बता दें कि यह माध्यम ठोस, द्रव और गैसीय, कुछ भी हो सकता है.
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