भारतीय रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2015 और वर्ष 2017 के बीच रेल पटरियों पर ट्रेनों की चपेट में आने से करीब 50,000 लोगों की जान गयी है. यह जानकारी भारतीय रेलवे ने 22 अक्टूबर 2018 को आधिकारिक आंकड़ें जारी कर दी है.
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2017 तक के ट्रेन की चपेट में आने से होने वाली मौतों का आंकड़ा जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार इन मौतों का कारण लोगों द्वारा सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन करना बताया जा रहा है.
हाल की घटना: |
अमृतसर में 19 अक्टूबर 2018 को रावण दहन देखने के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आने से रेलवे पटरियों पर खड़े कम से कम 59 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. दरअसल, अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास दशहरा 2018 के मौके पर रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. लोग रेल की पटरियों पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी अचानक तेज रफ्तार में ट्रेन आई और सैकड़ों लोगों को कुचलती हुई चली गई. ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ. बता दें कि रेल पटरी पर होने वाला यह हादसा रेलवे के इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में शामिल हो गई है. |
आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मौत:
आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक मौत उत्तर रेलवे जोन में हुई है और यह आंकड़ा 7,908 है. इसके बाद दक्षिण रेलवे जोन में 6,149 और पूर्वी रेलवे जोन में 5,670 लोगों की मौत हुई हैं.
भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत: |
भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 147 के तहत, रेलवे द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान रेलवे नियमों का उल्लघंन करने पर अदालतों द्वारा 2.94 करोड़ रुपये का कुल जुर्माना लगाया गया. वहीं पिछले साल रेलवे प्रणाली में बाधा पहुंचाने के लिए आरपीएफ द्वारा 1,75,996 लोगों को गिरफ्तार किया गया और मुकदमा चलाया गया. इसके साथ ही ऐसे लोगों पर 4.35 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत प्रावधान: भारतीय रेलवे एक्ट की धारा 147 में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति बिना किसी उचित प्राधिकार के रेल क्षेत्र में प्रवेश करता है अथवा प्राधिकार के साथ प्रवेश कर रेल संपत्ति का दुरुपयोग करता है तो ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को छह माह तक का कारावास अथवा एक हजार रुपये का दंड अथवा दोनों से ही दंडित किया जा सकता है. |
इन हादसों का मुख्य कारण:
रेल पटरियों पर जबरन घुस जाने, सुरक्षा और चेतावनी निर्देशों का उल्लंघन करने, ओवर-ब्रिजों का उपयोग नहीं करने और रेलवे पटरियां पार करते समय मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों का इस्तेमाल करने के कारण अधिक मौते होती है.
रेलवे द्वारा प्रयास:
रेलवे इन घटनाओं को कम करने का प्रयास कर रहा है. स्टेशनों पर सुरक्षा नियमों का ऐलान किया जा रहा है. जगह-जगह सावधानियों के बोर्ड लगाए गए. कई जगहों पर बाउंड्री वॉल भी बनाई जा रही हैं ताकि लोग जान खतरे में डालकर ट्रैक पार न करें.
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