नेपाल की राष्ट्रपति ने भंग की संसद, नवंबर में होंगे यहां नए चुनाव: पढ़ें विवरण

May 25, 2021, 14:58 IST

नेपाल में राष्ट्रपति कार्यालय ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार दूसरी बार प्रतिनिधि सभा को भंग करने की घोषणा करने के लिए एक विज्ञप्ति जारी की है. यहां पढ़ें महत्त्वपूर्ण जानकारी.

Nepal President dissolves parliament, fresh elections in November: All you need to know
Nepal President dissolves parliament, fresh elections in November: All you need to know

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई, 2021 को कैबिनेट की सिफारिश पर देश की  प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया है और इस वर्ष नवंबर में नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान किया है.

नेपाल में राष्ट्रपति कार्यालय ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार दूसरी बार प्रतिनिधि सभा को भंग करने की घोषणा करने के लिए एक विज्ञप्ति जारी की है. नेपाल के मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार, 12 नवंबर और 19 नवंबर, 2021 को नेपाल में नए सिरे से चुनाव कराए जाएंगे.

राष्ट्रपति भंडारी ने नेपाल की संसद को भंग क्यों किया?

• मौजूदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने यह दावा किया था कि, उन्होंने जनता समाजवादी पार्टी के सदस्यों सहित 153 सांसदों का समर्थन हासिल किया है, जबकि नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष देउबा ने यह दावा किया था कि, उनके पास 149 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.
• ये दावे मान्य नहीं थे क्योंकि नेपाल की प्रतिनिधि सभा में केवल 275 सदस्य होते हैं. 
• इसलिए, राष्ट्रपति भंडारी ने ओली की सिफारिश पर, नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार दूसरी बार सदन को भंग करने की घोषणा कर दी है, जिसमें यह कहा गया है कि, न तो ओली और न ही देउबा के पास फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए सांसदों का पूर्ण बहुमत है. 

नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) में क्या प्रावधान हैं?

• नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के अनुसार, यदि खंड (5) के तहत नियुक्त प्रधानमंत्री विश्वास मत प्राप्त करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर, प्रतिनिधि सभा को भंग कर देंगे और अगले छह महीने के भीतर एक और चुनाव कराने की तारीख तय करेंगे.

नेपाल का राजनीतिक संकट: पृष्ठभूमि

• सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी, 2021 में भंग किए गए सदन को यह कहते हुए बहाल कर दिया था कि, सदन का विघटन असंवैधानिक था. ओली ने विघटन के अपने इस कदम का बचाव करते हुए यह कहा था कि, उनके पास और कोई विकल्प नहीं था क्योंकि सत्ताधारी दल के विरोधी उन्हें काम नहीं करने दे रहे थे.
• 10 मई को ओली प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हार गए. हालांकि, जब शेर बहादुर देउबा ने प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा तो गठबंधन सरकार बनाने में विफल रहे, केपी शर्मा ओली को 14 मई, 2021 को अनुच्छेद 76 (3) के तहत नेपाल के प्रधानमंत्री के तौर पर फिर से नियुक्त किया गया.

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