भारत में कोरोना लहर के बीच वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) निश्चित रूप से आ रही है. उन्होंने कहा कि लेकिन यह अनुमान लगाना काफी कठिन है कि यह कब आएगी.
देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में एक बार फिर इजाफा हो रहा है. खासकर केरल, तमिलनाडु में जिस तरह से संक्रमण का ग्राफ ऊपर जा रहा है उसे देखकर ये माना जा रहा है कि ये कोरोना महामारी की तीसरी लहर है. सीएसआईआर के महानिदेशक के अनुसार कोरोना वायरस की तीसरी लहर आएगी, लेकिन यह कब आएगी और क्या लक्षण होंगे इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.
कौन-सा वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है?
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. मांडे के अनुसार कोरोना वायरस को डेल्टा वेरिएंट खराब है, लेकिन डेल्टा प्लस के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. ब्रिटेन, यूरोप और अमेरिका ने अगली लहर देखी है. अगली लहर आने की संभावना है, लेकिन कैसे और कब यह अभी पता नहीं चला है. यह वायरस के नए म्यूटेंट या कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने में ढिलाई के कारण हो सकता है.
कोरोना वैक्सीन क्या काम कर रही है?
सीएसआईआर के महानिदेशक ने कहा कि आम जनता पर कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से काम कर रही है, इसके लिए वैज्ञानिक सबूत मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल तीसरी लहर के लिए इसे ही एक मात्र हथियार माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए, ताकि तीसरी लहर का सामना करने में आसानी हो. उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर कोरोनोवायरस की जीनोमिक निगरानी अगले तीन वर्षों तक जारी रहेगी.
कोरोना वायरस पर विचार-विमर्श शुरू
सीएसआईआर के महानिदेशक ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महामारी घोषित किए जाने के पंद्रह दिन पहले हमने कोरोना वायरस पर विचार-विमर्श शुरू किया और स्थिति को समझने की कोशिश की है. इसमें सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों को शामिल किया गया था. उन्होंने कहा कि हमने जीनोमिक, सीरो और सीवेज निगरानी की थी.
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