प्रसिद्ध हिंदी कवि विष्णु खरे का निधन

Sep 20, 2018, 09:27 IST

विष्णु खरे को कुछ समय पूर्व ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे दिल्ली के मयूर विहार स्थित हिंदुस्तान अपार्टमेंट में किराये के एक कमरे में अकेले रहते थे.

Noted Hindi poet Vishnu Khare passes away
Noted Hindi poet Vishnu Khare passes away

भारत के प्रसिद्ध कवि, पत्रकार और हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे का 19 सितंबर 2018 को दिल्ली के जी.बी. पंत अस्पताल में निधन हो गया. वे 78 वर्ष के थे.

उन्हें एक सप्ताह पूर्व ब्रेन हेमरेज के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे दिल्ली के मयूर विहार स्थित हिंदुस्तान अपार्टमेंट में किराये के एक कमरे में अकेले रहते थे.

विष्णु खरे के बारे में


•    विष्णु खरे का जन्म मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 9 फरवरी 1940 को हुआ था.

•    उन्होंने युवावस्था के दौरान उच्च शिक्षा इंदौर से प्राप्त की.

•    इंदौर में वर्ष 1963 में उन्होंने क्रिश्चियन कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.

•    इसके साथ ही, वे 1962 से 1963 तक इंदौर से प्रकाशित दैनिक इंदौर में बतौर उप-संपादक कार्यरत रहे.

•    इसके बाद उन्होंने 1963 से 1975 तक मध्यप्रदेश और दिल्ली के कॉलेजों में बतौर प्राध्यापक अध्यापन का कार्य भी किया.

•    मध्य प्रदेश से दिल्ली आने के बाद विष्णु खरे केंद्रीय साहित्य अकादमी में उपसचिव के पद पर भी आसीन रहे.

•    इसी बीच, वे कवि, समीक्षक और पत्रकार के रूप में भी प्रतिष्ठित होते गये.

•    इसी दौरान खरे दिल्ली से प्रकाशित हिंदी के अखबार नवभारत टाइम्स भी जुड़े रहे. नवभारत टाइम्स में उन्होंने प्रभारी कार्यकारी संपादक और विचार प्रमुख के अलावा इसी पत्र के लखनऊ और जयपुर संस्करणों के संपादक का भी उत्तरदायित्व संभाला.

 

अंतरराष्ट्रीय ख्याति

उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक रचनाओं का अनुवाद किया है. इनमें 'यह चाकू समय' (आत्तिला योझेफ़), 'हम सपने देखते हैं' (मिक्लोश राद्नोती), 'काले वाला' (फ़िनी राष्ट्रकाव्य), डच उपन्यास 'अगली कहानी' (सेस नोटेबोम), 'हमला' (हरी मूलिश), 'दो नोबल पुरस्कार विजेता कवि' (चेस्वाव मिवोश, विस्वावा शिम्बोरर्स्का) आदि का उल्लेखनीय अनुवाद भी शामिल है.


विष्णु खरे का साहित्यिक योगदान


•    वर्ष 1960 में विष्णु खरे का पहला प्रकाशन टी.एस. इलियट का अनुवाद ‘मरु प्रदेश और अन्य कविताएं’ है.

•    वे लघु पत्रिका ‘वयम्’ के संपादक भी रहे. ‘एक गैर रूमानी समय में’ उनका पहला काव्य संकलन था, जिसकी अधिकांश कविताएं पहचान सीरीज की पहली पुस्तिका ‘विष्णु खरे की कविताएं’ के रूप में प्रकाशित हुईं.

•    ‘खुद अपनी आंख से’, ‘सबकी आवाज के पर्दे में’, ‘आलोचना की पहली किताब’ उनकी अन्य रचनाओं में से एक हैं.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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