इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ केके अग्रवाल का कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली. कोरोना से लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार वे जिंदगी की जंग हार गए. डॉक्टर अग्रवाल 62 साल के थे जो पिछले कई दिनों से भर्ती थे.
यह जानकारी अग्रवाल के आधिकारिक ट्विटर अकांउट पर एक बयान में दी गई. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केके अग्रवाल को पिछले सप्ताह एम्स में भर्ती कराया गया था और वह वेंटिलेटर पर थे. बयान के मुताबिक, कोविड-19 से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद सोमवार (17 मई) देर रात साढ़े 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.
चिकित्सा जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति
उनका निधन चिकित्सा जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है. केके अग्रवाल को साल 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. केके अग्रवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर बीते 28 अप्रैल 2021 को जानकारी दी थी कि वह कोरोना संक्रमित हैं. देशभर में चिकित्सा के लिए मशहूर डॉ. केके अग्रवाल के निधन की जानकारी उनके ट्विटर हैंडल से ही साझा की गई.
— Dr K K Aggarwal (@DrKKAggarwal) May 17, 2021
पिछले दिनों एक वीडियो भी शेयर किया
पद्मश्री सम्मानित और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केके अग्रवाल ने पिछले दिनों एक वीडियो भी शेयर किया था. उन्होंने इसमें इस बात की जानकारी दी है कि कोरोना का संक्रमण किन-किन लोगों को परेशान नहीं करता है और किन्हें इसका सबसे ज्यादा खतरा है.
अलग-अलग बीमारियों को लेकर जागरुक किया
डॉ. केके अग्रवाल सोशल मीडिया के जरिए लोगों को लगातार अलग-अलग बीमारियों को लेकर जागरुक किया करते थे. वे कोरोना काल में भी लगातार अपने फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के जरिए कोरोना संक्रमण के बारे में आगाह करते रहते थे. वे वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया करते थे.
डॉ. केके अग्रवाल: एक नजर में
डॉ. केके अग्रवाल को साल 2010 में मेडिकल क्षेत्र में योगदान हेतु भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उन्होंने साल 1979 में नागपुर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद इसी विश्वविद्यालय से साल 1983 में एमएस की डिग्री हासिल की.
केके अग्रवाल को साल 2005 में डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. ये पुरस्कार मेडिकल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु दिया जाता है. उन्होंने पुरातन वैदिक दवाओं और आधुनिक दवाओं के मेलजोल को लेकर कई किताबें लिखी हैं.
वे जब से डॉक्टर बने थे, उन्होंने अपना जीवन लोगों और स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर समर्पित कर दिया था. डॉक्टर अग्रवाल एक कॉर्डियोलॉजिस्ट थे और हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख थे.
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