प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (28 सितम्बर 2020) डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडेरिकसेन के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता करेंगे. इस बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय भागीदारी को मजबूत करने के लिए एक व्यापक राजनीतिक दिशा मिलेगी.
विदेश मंत्रालय ने 27 सितम्बर 2020 को इस बारे में बताया. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार, द्विपक्षीय समिट से दोनों देशों के बीच परस्पर संबंध को मजबूत करने में मदद मिलेगी. यह सम्मेलन भारत की मेजबानी में आयोजित किया जाएगा. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअली किया जाएगा.
मुख्य बिंदु
• कोरोना संकट के दौर में दोनों प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तकनीक, नवीकरणीय प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
• समझौते के तहत दोनों देशों की आम जनता, अधिकारियों, व्यावसायिक एवं अनुसंधान तथा शैक्षिक संस्थानों के बीच श्रेष्ठ तौर तरीकों, अनुभवों और ज्ञान का आदान-प्रदान किया जाएगा.
• इसमें प्रशिक्षण कार्यक्रमों में परस्पर सहयोग, विशेषज्ञों का आदान प्रदान, तकनीकी और सेवा प्रदान करने की गतिविधियों का भी दोनों देशों के बीच सहयोग होगा.
• मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस समझौता पत्र को लागू करने के लिए द्वैवार्षिक कार्ययोजना तैयार करने का काम दोनों देश करेंगे.
• इसमें सहयोगात्मक गतिविधियों को लागू करने के लिए खासतौर से गतिविधि के प्रयोजन के बारे में विस्तृत योजना तैयार करना शामिल होगा.
बौद्धिक संपदा सहयोग संबंधी समझौता
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 26 सितम्बर 2020 को ही डेनमार्क के उद्योग, व्यापार एवं वित्तीय मामलों के मंत्रालय के डैनिश पेटेंट एवं ट्रेडमार्क कार्यालय के साथ बौद्धिक संपदा सहयोग के संबंध में एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. एमओयू का उद्देश्य अधिकारियों, व्यवसायों और अनुसंधान तथा शैक्षणिक संस्थानों के बीच आईपी जागरूकता पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुभवों व ज्ञान के आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के बीच आईपी सहयोग को बढ़ाना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान एवं आउटरीच गतिविधियों में सहयोग करना है.
भारत-डेनमार्क संबंध
भारत और डेनमार्क के बीच 400 साल पुराना ऐतिहासिक और करीब 70 साल पुराना राजनयिक संबंध है. लगभग 5 हजार भारतीय पेशेवर डेनमार्क की दिग्गज कंपनियों में काम कर रहे हैं. साथ ही वहां दशकों से 20 भारतीय आइटी कंपनियां मौजूद हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत और डेनमार्क के बीच वस्तु और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 2016 और 2019 के बीच 30.49 प्रतिशत बढ़ा और यह 2.82 अरब डॉलर से 3.68 अरब डॉलर हो गया. भारत में लगभग 200 डेनिश कंपनियों ने निवेश किया है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation