प्रसार भारती और इफको (भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड) ने नई कृषि प्रौद्योगिकी और नवाचारों को बढ़ावा देने और प्रसारित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं.
इस समझौते के अनुसार, डीडी किसान अब कृषि क्षेत्र में प्रचलित विभिन्न अभिनव और अलग-अलग किस्म की तकनीकों का प्रसारण करेगा. किसानों के लाभ के लिए यह कार्यक्रम श्रृंखला 30 मिनट की होगी और यह बहुत आसान भाषा में भी होगी.
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन ने केंद्र सरकार की इस पहल को एक ऐतिहासिक कदम बताया है, जो किसानों की बेहतरी में मदद करेगा.
उद्देश्य
सरकार के इस कदम का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है क्योंकि यह आवश्यक है कि, नई कृषि तकनीकों और उनके कार्यान्वयन को किसानों को समझाया जाए. यह हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन इस उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.
भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको) द्वारा किए गए नवाचारों को पूरे देश में डीडी किसान के माध्यम से लगभग 25 एपिसोडों में तथा आसान भाषा में किसानों को दिखाया जाएगा.
डिजिटल माध्यम से प्रसारित होंगे ये कार्यक्रम
प्रसार भारती के CEO, शशि शेखर वेम्पति ने इस पहल को गर्व का विषय बताया है. उन्होंने यह कहा है कि, इस कदम के माध्यम से किसानों के साथ नई जानकारी को आसान भाषा में साझा किया जाएगा.
वेम्पति ने आगे यह भी बताया कि, ये कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से भी प्रसारित होंगे. डिजिटलीकरण के माध्यम से, युवा किसान भी सरकार के इस कदम से लाभान्वित हो सकेंगे.
किसानों की मदद करने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का विकास
इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी ने बताया कि, इफको ने यूरिया का एक विकल्प तैयार किया है जो नैनो-प्रौद्योगिकी आधारित है और इससे देश के किसानों को मदद मिलेगी. उन्होंने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा है कि, ऐसे विभिन्न नवाचारों से किसानों को सहायता मिलेगी और लाभ होगा जो अब डीडी किसान पर प्रसारित किए जाएंगे. यह वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगा.
दूरदर्शन के महानिदेशक मयंक अग्रवाल ने यह कहा है कि, प्रसार भारती और इफको के बीच हुए इस समझौते से वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशाला में किए गए नवाचारों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी और देश के किसानों द्वारा खेत में किए गए प्रयोग से भी युवा किसानों को मदद मिलेगी.
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