राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 02 अक्टूबर 2017 को संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अन्य पिछड़े वर्गो के उप-वर्गीकरण के परीक्षण हेतु एक आयोग की नियुक्ति की.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 02 अक्टूबर के अवसर पर लिया गया यह निर्णय महात्मा गांधी जी की शिक्षा के अनुरूप सरकार द्वारा निर्धारित सभी को सामाजिक न्याय दिलाने के लक्ष्य को प्राप्त करने और विशेष तौर पर अन्य पिछड़े वर्ग के सदस्यो सहित सभी को सम्मिलित करने के प्रयास को दर्शाता है.
उद्देश्य-
अन्य पिछड़े वर्गो का उप-वर्गीकरण अन्य पिछड़े वर्ग समुदाय में अधिक पिछड़े लोगो को शैक्षणिक संस्थानो और सरकारी नौकरियो में आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करेगा. त्रालय
आयोग की जिम्मेवारी-
केंद्रीय सूची में शामिल संदर्भ सहित अन्य पिछडे वर्गो की श्रेणी में सम्मिलित जातियो और समुदायो को प्राप्त आरक्षण के लाभ के असमान वितरण की सीमा का परीक्षण करना
ऐसे अन्य पिछडे वर्गो के उप-वर्गीकरण हेतु वैज्ञानिक पद्धति द्वारा प्रक्रिया, मानदंड, मानक और मापदंड निर्धारित करना.
अन्य पिछडे वर्गो की केंद्रीय सूची में संबधित जातियो और समुदायो और उप-जातियो की पहचान करना और उन्हें सबंधित उप-श्रेणियो में सूचीबद्ध करना.
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आयोग अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के 12 सप्ताह के भीतर राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करेगा.
आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद केंद्र सरकार अन्य पिछडे वर्गो के सभी वर्गो को केंद्र सरकार की नौकरियो और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानो में प्रवेश के लिए आरक्षण के लाभ के समान वितरण के लिए प्रकिया प्रारंभ करेगी.
आयोग के बारे में-
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त)- जी.रोहिणी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. आयोग में तीन सदस्य होंगे. जिनमे दो पदेन सदस्य नियुक्त किए गए हैं. पदेन सदस्यों में निदेशक, भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण, महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त हैं. इनके अलावा एक और सदस्य के रूप में डॉ. जी.के बजाजकी नियुक्ति की गई है.
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आयोग के सचिव- संयुक्त सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को नियुक्त किया गया है.
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