राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 अक्टूबर 2020 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए एक वायु गुणवत्ता आयोग का गठन करने और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों के लिए एक अध्यादेश जारी किया है. इस आयोग का मकसद यह होगा कि कैसे दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए.
इस अध्यादेश के अनुसार राजधानी दिल्ली और आसपास (Delhi NCR) के इलाकों में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक आयोग का गठन किया जाएगा. इस आयोग में कुल 17 सदस्य होंगे. आयोग जनता की भागीदारी और समन्वय पर जोर देगा. यह आयोग लगातार अपने काम और रिपोर्ट की जानकारी संसद के पटल पर रखेगा.
आयोग के कार्य
यह आयोग एनसीआर में वायु गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के लिए शिकायतों पर विचार करने, निर्देश जारी करने के लिए उपाय करेगा. इसके अतिरिक्त, यह विभिन्न स्रोतों से पर्यावरण प्रदूषक के निर्वहन या उत्सर्जन के लिए मापदंडों को निर्धारित करेगा.
इस आयोग में अध्यक्ष
यह आयोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक में अनुसंधान, बेहतर समन्वय, पहचान और समस्याओं के समाधान पर काम करेगा. इस आयोग में एक अध्यक्ष, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सदस्य शामिल होंगे. साथ ही, इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी शामिल होंगे.
सजा का प्रावधान
आयोग के पास किसी भी परिसर का निरीक्षण करने, प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को बंद करने और बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने का आदेश जारी करने का भी अधिकार होगा. वायु प्रदुषण से जुड़े किसी आदेश या निर्देश का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना आयोग लगा सकता है.
आयोग तीन व्यापक क्षेत्रों पर नजर रखेगा
यह आयोग वायु प्रदूषण को लेकर तीन व्यापक क्षेत्रों पर नजर रखेगा. ये तीन क्षेत्र वायु प्रदूषण की निगरानी, कानूनों को लागू करान और रिसर्च एवं नए प्रयोगों से जुड़े होंगे. आयोग तीन अलग-अलग क्षेत्रों की समीक्षा और जांच के लिए उप-समितियों की स्थापना करेगा.
दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता
यह आयोग दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खराब करने वाले कारक जैसे- पराली जलाने, वाहनों के प्रदूषण, धूल प्रदूषण और अन्य सभी मुद्दों पर गौर करेगा. आयोग अपनी वार्षिक रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत करेगा.
आपको बता दें कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation