ओमकार मोद्गी की पहली फिल्म "अव्यक्त" को 2017 कान फिल्म फेस्टिवल के लिए चुना गया है.
इस फिल्म में मोद्गी के अपने पिता के साथ संबंधों की यात्रा दिखाया गया है. कैसे यह अव्यक्त दायित्व के साथ शुरु होता है और बिना नियमित रूप से बातचीत किए प्यार से भरा रिश्ता बन जाता है.
फिल्म के बारे में:
• फिल्म मात्र 11 मिनट 42 सेकेंड की है.
• यह 1 लाख रु. से कुछ अधिक के बजट में बनाई गई फिल्म है और इसे पुणे के बाहरी इलाके राजगुरुनगर में फिल्माया गया है.
• किशोर आदित्य की मां आरती की अचानक हुई मौत के बाद यह पिता– पुत्र के रिश्ते के बारे में बताती है.
• मां की मृत्यु ने न सिर्फ बच्चे बल्कि पिता के जीवन में खालीपन भर दिया था बल्कि इस घटना ने उन्हें अजीब स्थिति में ला कर छोड़ दिया था, और उन्हें यह महसूस कराया कि वे घर में उन दोनों के बीच पुल थीं.
• प्रसिद्ध थिएटर अभिनेता अनिरुद्ध खुटवाड ने पिता की भूमिका निभाई है, जबकि भूतनाथ रिटर्न्स में काम कर चुके बाल अभिनेता पार्थ भालेराव ने पुत्र की.
आदर्शीकरण:
मोद्गी ने बताया कि इस प्रकार की फिल्म बनाने का ख्याल उन्हें तब आया जब उन्होंने खुद को बच्चे की जगह रखा और अपने जीवन के पलों और जब भी उनकी मां कहीं चली जाया करती थीं तब उनके पिता के साथ कैसे संबंध होते थे, को याद किया.
अन्य विवरण:
• मई 2017 में फिल्म को कान फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा.
• फिल्म की पहली स्क्रिप्ट लिखने में मोद्गी को 10 महीने का समय लग गया.
• वास्तव में, प्रख्यात फिल्मकार उमेश कुलकर्णी ने युवा लेखक की काफी मदद की और उनके शोध की कमियों को बताया.
• शुरुआत में मोद्गी की कहानी गांव की थी, कुलकर्णी की सलाह पर उन्होंने अधिक परिचित शहरी सेटअप में फिल्म को बनाया.
• अपनी फिल्म बनाने से पहले मोद्गी ने कई स्थापित फिल्मकारों के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है.
• मोद्गी ने चार साल पहले चार्टर्ड अकाउंटेसी (सीए) कोर्स, जिसके पहले दो पार्ट में अच्छा अंक लाने के बावजूद सिनेमा में करिअर बनाने के लिए सीए कोर्स छोड़ दिया.
• बेहद प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में "अव्यक्त" के चुने जाने के साथ उन्होंने सफलता का पहला स्वाद चखा है.
• चयन की पुष्टि कान से आए ई–मेल से हुई थी.
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