पंजाब सरकार ने राज्य में ड्रग्स अर्थात नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी पर लगाम लगाने हेतु ड्रग तस्करों को फांसी देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. यदि केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो पंजाब में अवैध रूप से ड्रग्स की तस्करी करने पर लगाम लगाई जा सकती है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने इस आशय का प्रस्ताव 02 जुलाई 2018 को मंजूर किया.
कैबिनेट की औपचारिक बैठक से पहले अनौपचारिक विचार विमर्श भी हुआ. इसमें गृह विभाग और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कैबिनेट के सदस्यों को हालात से अवगत कराया गया. गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनावों दौरान नशा एक बड़ा मुद्दा रहा था.
नशाखोरी नियंत्रण हेतु विशेष कार्यदल का गठन
• कैबिनेट ने इसके अलावा गृह विभाग के एसीएस एनएस कलसी की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यदल के गठन का फैसला भी किया जो कि रोजाना आधार पर नशा मुक्ति अभियान की समीक्षा करेगा.
• यह विशेष कार्यदल अभियान की समीक्षा करने के साथ इसकी रणनीति को भी कारगर बनाने का काम करेगा.
• इस कार्यदल में स्वास्थ्य विभाग के एसीएस सतीश चंद्रा, कानून-व्यवस्था के पुलिस महानिदेशक ईश्वर सिंह, गुप्तचर पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता, एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एचएस सिद्धू इस कार्यदल में सदस्य होंगे.
पंजाब में ड्रग्स: सर्वेक्षण तथ्य |
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पंजाब कैबिनेट के अन्य कदम
पंजाब कैबिनेट के निर्णय के अनुसार राज्य को नशा मुक्त बनाने व भटके हुए युवाओं के पुनर्वास कार्यक्रम की समीक्षा के लिए एक उप-समिति भी बनाई जाएगी. इसमें स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा व सामाजिक सुरक्षा मंत्री अरूणा चैधरी शामिल होंगे. इस उप-समिति की बैठक प्रत्येक सप्ताह होगी.
पृष्ठभूमि
पंजाब में ड्रग्स तस्करी और नशाखोरी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. राज्य सरकार को इस बार इस मुद्दे पर इसलिए सख्त कदम उठाना पड़ा क्योंकि पिछले एक माह में लगभग 24 युवाओं की ड्रग्स सेवन तथा ओवरडोज़ के कारण मौत हो गयी थी.
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