कतर सरकार द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को यह घोषणा की गयी कि वह श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की पॉलिसी आरंभ करेगा.
इस संबंध में कतर ने 36 अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि अपने यहां कार्यरत 20 लाख प्रवासी श्रमिकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जा सके.
विदेशी राजनयिकों के साथ बैठक के दौरान कतर के प्रशासनिक विकास, श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री इसा साद अल-जफाली अल-नुमैद ने यह जानकारी साझा की.
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मंत्री के अनुसार, न्यूनतम मजदूरी पहल का उद्देश्य कामगारों की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए, उन्हें उचित मानवीय स्तर पर रहने के लिए सक्षम होना चाहिए. इसके अतिरिक्त कोई अन्य जानकारी साझा नहीं की गयी. अभी तक यह नहीं बताया गया कि वे कब तक और कितना वेतन तय करेंगे.
यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की बैठक की पूर्व संध्या पर की गयी. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र एजेंसी द्वारा प्रवासी श्रमिकों के साथ किये जा रहे व्यवहार की जांच के लिए भी घोषणा की गयी. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की बैठक 26 अक्टूबर 2017 को जिनेवा में आरंभ होगी जो 9 नवम्बर 2017 तक चलेगी.
पृष्ठभूमि
• विभिन्न यूनियनों और मानवाधिकार समूहों के अनुसार, श्रमिकों और मजदूरों को कतर में उन्हें अधिक वेतन देने का वादा करके लुभाया गया था लेकिन काफी कम पैसे देकर उनसे काम कराया जा रहा है.
• श्रमिकों को समय पर उनके बकाये का भुगतान नहीं करने पर भी कतर की व्यापक आलोचना होती रही है.
• फरवरी 2015 में क़तर ने वेतन सुरक्षा योजना आरंभ की थी. इसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि कर्मचारी प्रत्येक माह इलेक्ट्रॉनिक तरीके से अपना वेतन प्राप्त करें.
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