भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने 19 जून 2018 को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) के तहत आवास ऋण (होम लोन) सीमा में संशोधन किया.
भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान प्राथमिकता क्षेत्र के तहत होम लोन की अधिकतम सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी. उसकी अधिसूचना के अनुसार कमजोर वर्ग और कम आय वाले लोगों को सस्ता कर्ज मुहैया कराने के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के होम लोन की सीमा बढ़ाई गई है.
मुख्य तथ्य:
- आरबीआई ने 45 लाख रुपये से कम कीमत वाले मकानों के लिये 35 लाख रुपये तक के ऋण को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के ऋण की श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया है.
- महानगरों में 35 लाख और अन्य शहरों एवं कस्बों में 25 लाख रुपये तक के कर्ज प्राथमिकता क्षेत्र में माने जाएंगे. ये कर्ज प्राथमिकता क्षेत्र में तभी आएंगे जब मकान की कुल कीमत भी तय सीमा से कम हो. महानगरों के लिए यह सीमा 45 लाख और अन्य के लिए 30 लाख रुपये होगी.
- आरबीआई की अधिसचना के अनुसार हाउसिंग प्रोजेक्ट में कर्ज के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआइजी) वर्ग की वार्षिक आय सीमा में भी संशोधन किया गया है.
- अब इन दोनों वर्गों की अधिकतम आय क्रमशः तीन लाख और छह लाख रुपये होगी. प्रधानमंत्री आवास योजना की शर्तों के अनुरूप उसने इन श्रेणियों की अधिकतम आय में बदलाव किया है.
नोट:
अभी तक महानगरों में 28 लाख और अन्य में 20 लाख तक के होम लोन प्राथमिकता क्षेत्र में आते हैं. उनकी कीमत क्रमशः 35 लाख और 25 लाख रुपये तक होनी चाहिए. रिजर्व बैंक ने इस संदर्भ में मौजूदा पारिवारिक आय सीमा में भी संशोधन किया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना |
प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार द्वारा क प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण संचालित योजना है. इस योजना का शुभारंम 25 जून 2015 को हुआ था. इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है. |
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