सर्वोच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश व्यापमं घोटाला केस में 5 साल के एमबीबीएस कोर्स में एनरोल कराने वाले राज्य के 634 छात्रों की दाखिला प्रक्रिया निरस्त कर दी है. यह छात्र 2008 से 2012 के मध्य कोर्स में दाखिलाले चुके हैं. चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने स्टूडेंट्स की ओर से दायर की गईं सभी पिटीशन्स रद्द कर दी.
- सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में यह फैसला जज जस्टिस जे. चेलामेश्वर ने सुनाया था. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कहा था कि आर्मी में काम करने के दौरान स्टूडेंट्स को सिर्फ गुजारा भत्ता दिया जाएगा.
- हाईकोर्ट की दूसरी बेंच ने इन सभी स्टूडेंट्स का एडमिशन रद्द कर दिया था.
- इस घोटाले की जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी (SIT) ने की. बाद में यह जांच CBI को सौंपी गई.
- जुलाई 2013 में यह घोटाला बड़े रूप में तब सामने आया जब इंदौर क्राइम ब्रांच ने डॉ. जगदीश सगर की गिरफ्तारी की.
व्यापम के बारे में-
• व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पोस्ट पर भर्तियां या एजुकेशन कोर्स में एडमिशन करता है, जिनकी भर्तियां मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन नहीं करता.
• व्यापमं के तहत प्री-मेडिकल टेस्ट, प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम कराए जाते हैं.
मेडिकल दाखिलों की जांच-
• 26 अगस्त 2013 को एडिशनल डीजीपी रैंक के पुलिस अफसर की अगुवाई में बनी स्पेशल टास्क फोर्स को इस घोटाले की जांच सौंपी गई.
• इससे पहले मामले की जांच पीएमटी भर्ती घोटाले के पहलू से की जा रही थी.
• अक्टूबर 2013 में इंदौर की एक कोर्ट में पहली चार्जशीट दायर की गयी.
• एसटीएफ के अनुसार 438 कैंडिडेट्स ने मेडिकल कॉलेजों में गलत तरीके से दाखिला की कोशिश की थी.
• व्यापमं के अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने सीट प्रबंधन ऐसे कराया कि दूसरे राज्यों से आने वाले "स्कोरर" उन स्टूडेंट्स के पास बैठें, जिन्होंने एडमिशन के लिए पैसे दिए थे.
जांच का दायरा-
• पीएमटी के तहत एमबीबीएस, बीडीएस जैसे कोर्स में हुए एडमिशंस के अलावा पुलिस, एक्साइज, रेवेन्यू और एजुकेशन डिपार्टमेंट में 2007 से 2013 के बीच 1 लाख से ज्यादा पोस्ट पर हुई भर्ती इस घोटाले की जांच में शामिल है.
• जांच का दायरा पीएमटी से आगे जाकर दूसरी एग्जाम्स तक फैल गया.
• पहले उन छात्रों और आरोपियों की तलाश की गई, जिन्होंने एग्जाम में चीटिंग हेतु 25 लाख रुपए दिए थे.
• एसटीएफ ने 2000 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया.
• 55 एफआईआर दर्ज कीं.
• 26 से ज्यादा चार्जशीट दाखिल की गईं.
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