इन दिनों पूरे भारत में लॉकडाउन है लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए देश के लगभग ऐसे 280 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) जो दवाइयां, ड्रग्स और अस्पताल के उपकरणों जैसी जरुरी वस्तुओं का निर्माण करते हैं, वे अपना काम लॉकडाउन के दौरान भी कर रहे हैं. ये आर्थिक क्षेत्र देश के निर्यात में अपना 18% योगदान देते हैं.
प्रमुख विशेषताएं
जी 20 देशों के मंत्रियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह कहा कि भारत ने दुनिया के 190 देशों को अपनी दवाइयों और अन्य जरुरी वस्तुओं के निर्यात में कोई कमी नहीं की है. यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि इन दिनों भी हमारे देश में एसईजेड अपना काम कर रहे हैं. इसी तरह, देश की 1,900 आईटी यूनिटों के कर्मचारी भी अपने घर से काम कर रहे हैं.
इस बात पर भी गौर किया जाए कि वर्ष 2019-20 में एसईजेड से आयत बढ़ा है और 110 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया है.
विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)
जुलाई, 2019 को हमारे देश में केंद्र सरकार के तहत 7 एसईज़ेड्स और राज्य सरकार या प्राइवेट सेक्टर के अधीन 12 एसईज़ेड्स संचालित किए जा रहे हैं. ये सभी एसईज़ेड्स वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन संचालित किये जा रहे हैं. एसईजेड अधिनियम, 2005 के तहत राज्यों को एसईज़ेड्स के संचालन की अनुमति प्राप्त है. देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस अधिनियम में राज्य सरकारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका को भी परिभाषित किया गया है.
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