आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत खारिज करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज सुनील गौड़ को पीएमएलए (अपीलीय प्राधिकरण) कोर्ट का चेयरमैन नियुक्त किया गया है.
सुनील गौड़ ने पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए उन्हें पूरे मामले में 'किंगपिन' यानी मुख्य साजिशकर्ता करार दिया था. हाईकोर्ट की तरफ से पी चिदंबरम की याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई उनकी तलाश में जुट गई थी और 21 अगस्त 2019 को उन्हें उनके जोर बाग स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था.
जस्टिस सुनील गौड़ के बारे में
सुनील गौर का जन्म 23 अगस्त 1957 को हुआ था. जस्टिस गौड़ साल 2008 में दिल्ली हाई कोर्ट में नियुक्त हुए थे. उन्हें 11 अप्रैल 2012 को स्थायी जज बनाया गया था.
सुनील गौड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान कई हाई प्रोफाइल और चर्चित मामलों की सुनवाई की. उन्होंने हाल ही में रतुल पुरी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. रतुल पुरी पर अगुस्टा वेस्टलैंड चॉपर घोटाले में संलिप्तता का आरोप है.
सुनील गौड़ ने ही साल 2018 में कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन वाली संस्था असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से आईटीओ स्थित दफ्तर खाली करने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट की डिविजन बेंच ने भी इस फैसले को बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2019 में इस फैसले पर रोक लगा दी थी.
सुनील गौड़ ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश पारित किया था.
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