गोरक्षकों पर कार्यवाही हेतु सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में टास्क फोर्स गठित करने के आदेश जारी किए हैं. टास्क फोर्स में वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा.
नोडल अधिकारी कथित गोरक्षकों की हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम होगा. देशभर में बढ़ते कथित गोरक्षकों के तांडव पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक जिले में सीनियर पुलिस ऑफिसर तैनात करने का आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने राज्यों व अन्य सरकारों से एक सप्ताह में अपना टास्क फोर्स गठित करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि वे गाय की रक्षा करने के नाम पर कानून हाथ में लेने वाले समूहों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए. केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कानून किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटनाओं को रोकने के लिए है.
कोर्ट के आदेश-
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा के अनुसार 'हम जानते हैं कि कानून हैं, लेकिन क्या कार्रवाई की गई है? आप नियोजित कार्रवाई कर सकते हैं ताकि हिंसा को बढ़ावा ना मिले.
याचिका-
गोरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका तहसीन पूनावाला द्वारा दायर की गई. जनहित याचिका में 07 अप्रैल 2017 को गोरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की मांग की गई. याचिका में राजस्थान के अलवर इलाके में हुई एक घटना का हवाला दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और छह राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर इस विषय पर जवाब मांगा. 21 जुलाई को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को किसी भी तरह की हिंसा की रक्षा नहीं करने के लिए कहा और साथ ही गाय सुरक्षा की आड़ में हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया मांगी.
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