बिग बैंग के 25 करोड़ साल बाद तारे बने थे: अध्ययन

May 19, 2018, 10:36 IST

यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. ब्रह्मांड का जन्म एक महा विस्फोट से हुआ जिसे बिग बैंग भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने अपने निष्कर्ष के लिए एटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (एएलएमए) का इस्तेमाल किया.

The First Stars May Have Formed Just 250 Million Years After the Big Bang
The First Stars May Have Formed Just 250 Million Years After the Big Bang

पृथ्वी से 13.28 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक आकाशगंगा का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि शुरूआती तारों का निर्माण ब्रह्मांड बनने के 25 करोड़ साल बाद हुआ होगा.

यह शोध नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. ब्रह्मांड का जन्म एक महा विस्फोट से हुआ जिसे बिग बैंग भी कहा जाता है.


एटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (एएलएमए) का इस्तेमाल:

•    वैज्ञानिकों ने अपने निष्कर्ष के लिए एटाकामा लार्ज मिलीमीटर एरे (एएलएमए) का इस्तेमाल किया.

•    एएलएमए ने तारों के एक समूह से ऑक्सीजन के बाहर निकलने के स्पष्ट संकेत पाये.

•    ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह तारामंडल तब बना, जब ब्रह्मांड केवल 50 करोड़ साल पुराना था.

•    एमएसीएस 1149- जेडी 1 नाम के इस तारामंडल में ऑक्सीजन के संकेत मिले हैं. इस तारामंडल ने बिग बैंग के 25 करोड़ साल बाद तारे बनाने शुरू किए होंगे.


बिग बैंग सिद्धांत के बारे में:

•    ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट के परिणामस्वरूप हुआ. इसी को महाविस्फोट सिद्धान्त या बिग बैंग सिद्धान्त कहते हैं.

•    महाविस्फोट सिद्धांत के अनुसार लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व इस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ.

•    यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है. सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे महाविस्फोट सिद्धांत कहा जाता है.

•    हाइड्रोजन, हीलियम आदि के अस्तित्त्व का आरंभ होने लगा था और अन्य भौतिक तत्व बनने लगे थे. महाविस्फोट सिद्धान्त के आरंभ का इतिहास आधुनिक भौतिकी में जॉर्ज लिमेत्री ने लिखा हुआ है.

•    महाविस्फोट सिद्धांत दो मुख्य धारणाओं पर आधारित होता है. पहला भौतिक नियम और दूसरा ब्रह्माण्डीय सिद्धांत. ब्रह्माण्डीय सिद्वांत के मुताबिक ब्रह्मांड सजातीय और समदैशिक (आइसोट्रॉपिक) होता है.

नेचर पत्रिका के बारे में:

•    यह ब्रिटिश की एक प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिका है जो पहली बार 04 नवम्बर 1869 को प्रकाशित की गयी थी.

•    दुनिया की अंतर्विषय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में इस पत्रिका का उल्लेख सबसे उच्च स्थान पर किया जाता है.

•    अब तो अधिकांश वैज्ञानिक पत्रिकाएं अति-विशिष्ट हो गयीं हैं और नेचर उन गिनी-चुनी पत्रिकाओं में से है जो आज भी, वैज्ञानिक क्षेत्र की विशाल श्रेणी के मूल अनुसंधान लेख प्रकाशित करती है.

•    वैज्ञानिक अनुसंधान के ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें किये जाने वाले नए और महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी तथा शोध-सम्बन्धी मूल-लेख या पत्र नेचर' में प्रकाशित किये जाते हैं.

 

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Jagran Josh
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