तीन केंद्रीय मंत्रालयों ने 04 जनवरी 2018 को भारतीय रेल के तकनीकी मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है. भारतीय रेल के तकनीकी मिशन (टीएमआईआर) के लिए रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
यह समझौता मंत्रालयों के बीच सहभागिता और सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा. यह रेलवे और शैक्षिक तथा अनुसंधान संस्थानों दोनों के लिए फायदेमंद होगा. यह टेक्नोलॉजी मिशन प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को गति प्रदान करेगा.
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अनुदान:
तीन मंत्रालयों के बीच अनुदान का प्रतिशत विभाजन इस प्रकार है:
- रेल मंत्रालय 30 प्रतिशत
- एचआरडी 25 प्रतिशत
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय 25 प्रतिशत
पृष्ठभूमि:
रेल मंत्रालय ने अप्लाइड अनुसंधान के लिए चिन्ह्ति रेल परियोजनाओं के साझे निवेश के लिए रेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के कंसोर्टियम के रूप में भारतीय रेल के लिए टेक्नोलॉजी मिशन (टीएमआईआर) बनाया था.
अन्य विवरण:
- इस सहमति ज्ञापन के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय तथा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय दोनों टीएमआईआर परियोजना में 75-75 करोड़ रुपये निवेश करेंगे, जबकि भारतीय रेल और उद्योग अपना-अपना हिस्सा देंगे.
- यह प्रौद्योगिकी मिशन भारी ढुलाई, सुरक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण और शहरी रेलवे के क्षेत्र में शोध और विकास परियोजनाएं चलाएगा.
- इस समिति में तीनों मंत्रालयों शिक्षा तथा उद्योग जगत के सदस्य रहेंगे.
- परियोजनाएं राष्ट्रीय अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं और अकादमिक संस्थानों में लागू की जाएंगी, जहां आवश्यक होगा.
- इसी तरह के विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग किया जाएगा.
मिशन कार्यान्वयन और समन्वय समिति:
- रेलवे, आरडीएसओ, मानव संसाधन और विकास मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली मिशन क्रियान्वयन तथा समन्वय समिति शामिल हैं.
- मिशन अध्यक्ष के रूप में आईआईटी कानपुर के प्रो. एन.एस. व्यास, मिशन के सह-अध्यक्ष मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आलोक कुमार हैं.
महत्व:
मिशन मोड में प्रौद्योगिकी विकास के लिए कंसोर्टियम से भारतीय रेल को उचित दर पर विश्वस्तरीय स्वदेशी प्रौद्योगिकी प्राप्त होगी और शैक्षिक अनुसंधान संस्थानों को अप्लाइड अनुसंधान से लाभ होगा. भारतीय उद्योग भारतीय रेल के उपयोग में लाई जाने वाली नई सामग्रियों का उत्पादन करेगे. यह टेक्नोलॉजी मिशन माननीय प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को गति प्रदान करेगा. इससे सफलतापूर्वक स्वदेशी टेक्नोलॉजी विकसित की जा सकेगी.
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