चांद की सतह से 04 मार्च 2022 को एक रॉकेट टकराने वाला है. आपको बता दें कि ऐसा पहली बार होगा जब धरती से छोड़े गए किसी रॉकेट का कोई हिस्सा चांद की सतह से टकराएगा. दरअसल अंतरिक्ष में घूम रहा लगभग 3 टन कचरा चांद की सतह पर गिर सकता है. पृथ्वी से छोड़े गए रॉकेट का यह कचरा है.
ऐसी घटना चांद पर पहली बार हो रही है. यह कचरा लगभग 9,300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चांद से टकराएगा. चांद की सतह पर इससे 33 फीट से 66 फीट तक गहरा गड्ढा हो सकता है. यह आकार में इतना बड़ा होगा कि इसमें ट्रक जैसे बड़े कई वाहन समा जाएंगे.
यह रॉकेट चीन का है
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रॉकेट चीन का है जिसने इसे लगभग एक दशक पहले अंतरिक्ष में छोड़ा था. तबसे यह अंतरिक्ष में इधर उधर भटक रहा है. हालांकि, चीन के अधिकारियों ने इस रॉकेट के चीनी होने पर संदेह व्यक्त किया है.
टक्कर क्यों होती है?
आपको बता दें कि चांद पर पहले से ही कई गड्ढे हैं. चांद का वायुमंडल लगभग न के बराबर है. वे इसकी वजह से लगातार गिरने वाले उल्कापिंडों एवं क्षुद्रग्रहों से अपना बचाव नहीं कर पाता है. अंतरिक्ष यान भी बीच बीच में उससे टकराते रहते हैं. इनमें ऐसे यान भी हैं जिन्हें वैज्ञानिक परीक्षणों हेतु जानबूझकर टकराया जाता है. चांद पर कोई मौसम भी नहीं है जिसके कारण से उसकी सतह का घिसाव भी नहीं होता तथा ये गड्ढे हमेशा के लिए रह जाते हैं.
यह हिस्सा चांद से टकराएगा
यह रॉकेट का हिस्सा जिस समय चांद से टकराएगा, तब उसकी गति लगभग 9288 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. खगोल वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया है. सात साल पहले यह रॉकेट छोड़ा गया था. यह रॉकेट अंतरिक्ष में क्लाइमेट पर नजर रखने वाले सैटेलाइट को लेकर गया था. लेकिन उसके बाद यह अंतरिक्ष में अजीबोगरीब कक्षाओं में चक्कर लगाते हुए अब चांद की ओर मुड़ गया है.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ
आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि चांद की सतह पर इंसानों द्वारा बनाया गया कोई रॉकेट टकरा रहा हो. इंसानों द्वारा बनाए गए सैटेलाइट इससे पहले भी चांद की सतह से टकरा चुके हैं. वर्ष 2009 में अमेरिका का लूनर क्रेटर ऑब्जरवेशन एंड सेंसिंग सैटेलाइट चांद के दक्षिणी ध्रुव पर 9000 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से टकराया था. इसके टक्कर से ऐसा गुबार निकला था, जिससे वैज्ञानिकों को बर्फीले पानी का पता चला था.
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