मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार तथा केंद्र सरकार की संस्थाओं के अनुभवी डॉक्टरों को शिक्षा,क्लिनिकल/जन स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रमों में शामिल करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार तथा केंद्र सरकार की संस्थाओं के अनुभवी डॉक्टरों को शिक्षा, क्लिनिकल, जन स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल करने के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दी दी है.
- इस स्वीकृति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचएस) तथा अन्य मंत्रालयों/विभागों/केंद्र सरकार की संस्थाओं के डॉक्टर 62 वर्ष की उम्र पूरी होने पर विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य करें.
- इससे चिकित्सा शिक्षा, क्लिनिकल / रोगी देखभाल सेवा तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने में अधिक अनुभवी डॉक्टरों की उपलब्धता के अतिरिक्त क्षमता सृजन होगा और केंद्र सरकार के डॉक्टरों का नेतृत्व विकास होगा.
- इस निर्णय से रोगी / क्लिनिकल सेवा, चिकित्सा शिक्षण तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने में काफी अनुभवी डॉक्टर उपलब्ध होंगेजिससे समाज को लाभ मिलेगा.
मंत्रिमंडल ने नियोजन के क्षेत्र में सहयोग पर भारत और सिंगापुर के बीच समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य शहरी विकास तथा प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में सिंगापुर की एजेंसियों की विशेषज्ञता का लाभ लेने के लिए पालिका निकायों सहित केंद्र और राज्यों की सरकारी एजेंसियों को सहायता देना और इस तरह शहरी संरक्षण, मिशन में मदद देना है.
- इसे नीति आयोग में क्षमता सृजन होगा और साक्ष्य आधारित नीति लेखन, मूल्यांकन आदि में अधिकारी कौशल संपन्न होंगे और नीति आयोग को और अधिक कारगर ढ़ंग से थिंक टैंक की भूमिका निभाने में मदद मिलेगी.
- समझौता ज्ञापन के अंतर्गत नियोजन के क्षेत्र में क्षमता सृजन कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसमें शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) का कार्य किया जाएगा.
- इस समझौता ज्ञापन से श्रेष्ठ व्यवहारों के ज्ञान का प्रसार होगा, क्षमता सृजन होगातथा शहरी नियोजन, जल तथा गंदा जल प्रबंधन, ठोस कचरा प्रबंधन, परिवहन प्रणाली तथा जन वित्त पोषण (सार्वजनिक निजी साझेदारी) को समर्थन मिलेगा.
मंत्रिमंडल ने स्पेशल ग्रेड डॉक्टर और टीचिंग मेडिकल फेकलटी की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने को मंजूरी दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, भोपाल के जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, स्पेलशल ग्रेड डॉक्टॉर और टीचिंग मेडिकल फेकलटी की सेवानिवृत्ति उम्र को केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के डॉक्टरों और केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों/संस्थानों में काम करने वाले डॉक्टरों के अनुरूप बढ़ाकर 65 वर्ष करने संबंधी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
- शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक एवं केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के सार्वजनिक स्वास्थ्य सब-कैडर सहित जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसरों और विशेषज्ञों की सेवानिवृत्ति उम्र को जनवरी 2018 में जारी अधिसूचना के अनुरूप उम्र को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया गया है.
- सरकार के इस निर्णय से बीएमएचआरसी में फैकलटी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी.
- इससे भोपाल गैस त्रासदी के पीडि़तों एवं उनके परिवार के सदस्यों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध हो सकेगी.
मंत्रिमंडल ने कर्नाटक के पदुर और ओडिशा के चांदीखोल में 6.5 एमएमटी क्षमता के अतिरिक्त आपातकालीन पेट्रोलियम भंडार स्थापित करने की मंजूरी दी
- चांदीखोल और पदुर के लिए एसपीआर प्रतिष्ठान भूमिगत (अंडरग्राउंड रॉक कैवर्न) होंगे और उनकी क्षमता क्रमश: 4 एमएमटी और 2.5 एमएमटी होगी.
- सरकार ने वर्ष 2017-18 की बजट घोषणा में दो अतिरिक्त एसपीआर स्थापित करने की घोषणा की थी.
- भारत सरकार से बजटीय सहायता कम करने के लिए पीपीपी मॉडल के तहत इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है.
- इस प्रकार की सहभागिता के लिए नियमों और शर्तों का निरधारण वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा किया जाएगा.
मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और बहरीन के बीच समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी
- इस समझौता ज्ञापन में सहयोग के जिन महत्वपूर्ण विषयों को रेखांकित किया गया है, उनमें प्रकाशनों तथा शोध परिणामों सहित सूचना का आदान-प्रदान तथा एक- दूसरे देश के सरकारी अधिकारियों, अकादमिक स्टाफ, विद्वानों, शिक्षकों, विशेषज्ञों तथा विद्यार्थियों का एक दूसरे देशों में आवागमन शामिल है.
- इसमें कार्यशालाओं और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में भागीदारी, निजी क्षेत्र तथा अकादमिक स्तर पर स्वास्थ्य और चिकित्सा शोध गतिविधियों को प्रोत्साहन तथा पारस्परिक सहमति से निर्धारित सहयोग का कोई अन्य विषय शामिल है.
- इसके तहत समझौता ज्ञापन के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक कार्य समूह का गठन किया जाएगा.
मंत्रिमंडल को रेल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और इंडोनेशिया के बीच समझौता ज्ञापन से अवगत कराया गया
- इस समझौता ज्ञापन में उपलब्ध सहयोग के ढांचे में ज्ञान, प्रौद्योगिकी, क्षमता सृजन सहित संस्थागत सहयोग का आदान-प्रदान तथा रेलवे में रॉलिंग स्टॉक के साथ-साथ सिग्नल और संचार प्रणालियों का आधुनिकीकरण से जुड़े विषय शामिल हैं.
- इसमें रेल संचालन प्रबंधन तथा नियमन का आधुनिकीकरण, अंतर मॉडल परिवहन, लॉजिस्टिक पार्क तथा माल-भाड़ा टर्मिनलों का विकास पर सहयोग शामिल है.
- इसमें निर्माण तथा ट्रैक, पुल, सुरंग, ओवर हेड बिद्युतीकरण तथा बिजली आपूर्ति प्रणालियों सहित निर्धारित अवसंरचना के लिए रख-रखाव प्रौद्योगिकी का विषय शामिल है.
- उल्लेखनीय है कि रेल मंत्रालय ने विभिन्न देशों और राष्ट्रीय रेलवे के साथ तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं.
- सहयोग के चिन्हित क्षेत्रों में उच्च गति के गलियारे, वर्तमान मार्गों की गति में वृद्धि, विश्वस्तरीय स्टेशनों का विकास, संचालन में भारी बदलाव तथा रेल अवसंरचना का आधुनिकीकरण शामिल है.
पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और डेनमार्क के बीच एमओयू को मंजूरी
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य डेयरी विकास एवं संस्थागत सुदृीढीकरण के आधार पर मौजूदा ज्ञान को व्यापक बनाने के लिए पशुपालन एवं डेयरी के क्षेत्र में द्वीपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना है.
- इसके तहत संयुक्त कार्यक्रमों को तैयार करने, सहयोग एवं परामर्श मुहैया कराने और संबंधित मूल्यांकन के लिए हरेक पक्ष के प्रतिनिधित्व के साथ एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूसी) का गठन किया जाएगा.
- इस भागीदारी के तहत डेनमार्क पशु प्रजनन, पशु स्वास्थ्य एवं डेयरी, चारा प्रबंधन आदि के क्षेत्र में ज्ञान एवं विशेषज्ञता मुहैया कराएगा ताकि पारस्परिक हित वाले मवेशी व्यापार सहित भारतीय मवेशियों की उत्पादकता एवं उत्पादन को बेहतर किया जा सके.
भारत और डेनमार्क के बीच विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में सहयोग पर हुए समझौते से मंत्रिमंडल को अवगत कराया
- भारत और डेनमार्क के बीच विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक व्यवस्था पर 22 मई 2018 को हस्ताक्षर किए जाने से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के संबंध एक ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंच गया है.
- इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया अध्याय खुलेगा, क्योंकि दोनों पक्ष अब विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में पारस्परिक को बढ़ावा देने के लिए एक-दूसरे की पूरक क्षमता का फायदा उठा सकेंगे.
- इस व्यवस्था का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के क्षेत्र में साझा हित वाले मुद्दों पर भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग सुनिश्चित करना और उसे प्रोत्साहित एवं विकसित करना है.
- इसके हितधारकों में भारत और डेनमार्क के विज्ञान संस्थानों, शिक्षाविदों, आरएंडडी प्रयोगशालाओं एवं कंपनियों के अनुसंधानकर्ता शामिल होंगे.
- तात्कालिक सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में अक्षय ऊर्जा, जल, पदार्थ विज्ञान, किफायती स्वास्थ्य सेवा, कृत्रिम जीव विज्ञान, फंक्शनल फूड एवं समुद्री अर्थव्यवस्था शामिल हैं.
भारत और फ्रांस के बीच ‘मैरिटाइम अवेयरनेस मिशन’ पर सहयोग के लिए इम्प्लीमेंटेशन अरेंजमेंट से मंत्रिमंडल को अवगत कराया
- केंद्रीय मंत्रिमंडल को भारत और फ्रांस के बीच 10 मार्च 2018 को हस्ताक्षरित ‘मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस मिशन’को तैयार होने से पहले के अध्ययन के लिए इम्लीनमेंटेशन अरेंजमेंट (आईए) से मंत्रिमंडल को अवगत कराया गया.
- यह प्रस्तावित संयुक्त मिशन दोनों देशों को उपयुक्त डेटा एवं सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ मैरिटाइम डोमेन जागरूकता के लिए समर्पित होगा.
- इसका उद्देश्य समुद्री यातायात की निगरानी करना और अधिकतम संभावित आवृत्ति के साथ संदिग्ध जहाजों की पहचान करना है.
- यह निगरानी प्रणाली भारत और फ्रांस के हितों के क्षेत्रों में जहाजों की निगरानी, पहचान एवं जब्ती के लिए आद्योपांत समाधान मुहैया कराएगी.
- इस इम्लीनमेंटेशन अरेंजमेंट के तहत भारत की ओर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांस की ओर से सेंटर नेशनल डेट्यूड्स स्पेशियल्स (सीएनईएस) पूर्व अध्ययन एवं वर्तमान अवधारणा अध्ययन के दौरान विभिन्न गतिविधियों में संयुक्त रूप से शिरकत करेंगे.
मंत्रिमंडल ने इथनॉल युक्त पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम चलाने के लिए सार्वजनिक तेल कंपनियों को सप्लाई के लिए इथनॉल मूल्य की समीक्षा को मंजूरी दी
- केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने इथनॉल युक्त पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम चलाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथनॉल खरीद व्यवस्था बनाने – सार्वजनिक तेल कंपनियों को सप्लाई के लिए इथनॉल मूल्य की समीक्षा को मंजूरी दे दी है.
- इथनॉल आपूर्ति वर्ष 2019-20 के लिए पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मूल्य शीरे तथा गन्ने के एफआरपी से बनी चीनी की मानक लागत के अनुसार संशोधित किया जाएगा.
- इथनॉल आपूर्ति करने वालों को लाभकारी मूल्य देने से गन्ना किसानों की बकाया राशि कम करने में मदद मिलेगी और इस तरह गन्ना किसानों की कठिनाइयां दूर होंगी.
- ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथनॉल की उपलब्धता काफी बढ़ने की आशा है. पेट्रोल में अधिक मात्रा में इथनॉल मिलाने के अनेक लाभ हैं. इससे आयात निर्भरता कम होगी, कृषि क्षेत्र को समर्थन मिलेगा, पर्यावरण अनुकूल ईंधन मिलेगा, प्रदूषण कम होगा तथा किसानों को अतिरिक्त आय होगी.
राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता ट्रस्ट के लिए निधि को मंत्रिमंडल की मंजूरी
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता ट्रस्ट (एनईआईए) के लिए 1,040 करोड़ रुपये के ग्रांट-इन-एड (निधि) को मंजूरी दी है.
- इस निधि का इस्तेमाल 2017-18 से 2019-20 के दौरान 3 वर्षों के लिए किया जाएगा. वर्ष 2017-18 के लिए 440 करोड़ रुपये की रकम पहले ही प्राप्त हो चुकी है. वर्ष 2018-19 और 2019-20 में प्रत्येक वर्ष के लिए 300 करोड़ रुपये एनईआईए को दिए जाएंगे.
- इस निधि से एनईआईए उन निर्यात परियोजनाओं को मदद देने में समर्थ होगा जो रणनीतिक एवं राष्ट्रीय महत्व की हैं.
एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड में पूंजी निवेश को मंत्रिमंडल की मंजूरी
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (ईसीजीसी) को मजबूती देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी है.
- यह पूंजी निवेश 3 वित्त वर्षों के दौरान किया जाएगा. वित्त वर्ष 2017-18 में 50 करोड़ रूपये, वित्त वर्ष 2018-19 में 1,450 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 में 500 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया जाएगा.
- इस पूंजी निवेश से एमएसएमई निर्यात के लिए बीमा कवरेज में सुधार होगा और अफ्रीका, सीआईएस और लेटिन अमेरिकी देश जैसे उभरते एवं चुनौतीपूर्ण बाजारों में भारत के निर्यात को मजबूती मिलेगी.
- इस निवेश से पूंजी अनुपात के मुकाबले ईसीजीसी की बट्टेखाते में डालने की क्षमता व जोखिम में उल्लेखनीय सुधार होगा. अधिक पूंजी निवेश से ईसीजीसी को अपने उत्पाद पोर्ट फोलियो में विविधता लाने और निर्यातकों को सस्ते बीमा मुहैया कराने में मदद मिलेगी, ताकि वे चुनौतीपूर्ण बाजारों में भी अपने पांव जमाने में समर्थ होंगे.
- ईसीजीसी भारत से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात ऋण बीमा सेवा मुहैया कराने वाली भारत सरकार की प्रमुख निर्यात ऋण एजेंसी है.
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