टॉप करेंट अफ़ेयर्स, 02 नवम्बर 2017 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है. जिसमें मुख्य रूप से उच्चतम न्यायालय, फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनर्स सूची आदि शामिल है.
उच्चतम न्यायालय ने दुर्घटना दावे के निर्धारण हेतु मानदंड निर्धारित किये
संविधान पीठ ने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत पीड़ित परिवारों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि तय करने से पहले यह ध्यान रखना जरूरी है कि वह तार्किक और समानता के सिद्धांत के अनुरूप हो. उच्चतम न्यायालय ने मुआवजे के इस सिद्धांत को हरी झंडी दी. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा है कि वैसे तो मौत का विकल्प पैसा नहीं हो सकता लेकिन मुआवजे में एक समानता तो होनी ही चाहिए.
फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनर्स सूची: मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने
फोर्ब्स मैगजीन की रियल टाइम बिलियनर्स की सूची में मुकेश ने 42.1 अरब डॉलर (करीब 2 लाख 73 हजार 650 करोड़ रुपए) की कुल संपत्ति के साथ चीन के हुइ यान को पीछे कर दिया. मुकेश अंबानी की निजी संपत्ति में 46.60 करोड़ डॉलर (3029 करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई है.
http://www.jagranjosh.com/current-affairs/mukesh-ambani-becomes-richest-person-of-asia-1509608194-2
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण अधिनियम, 1993 में संशोधन के लिए राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2017 शीर्षक से इस विधेयक को संसद में पेश करने के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की, जिसमें एनसीटीई की अनुमति के बिना शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाले केन्द्रीय/राज्य/ विश्विविद्यालयों को भूतलक्षी प्रभाव से मान्यता प्रदान करने का प्रावधान है.
दागी नेताओं की सुनवाई के लिए पृथक अदालत होनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
चुनाव आयोग द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में सजा प्राप्त नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबन्ध की भी मांग की गयी. सर्वोच्च न्यायालय ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल कोर्ट में इन केसों की सुनवाई की बात कही.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को तीन साल तक बढ़ाने की स्वीकृति दी
इस योजना के लिए 15 हजार 722 करोड़ रूपए का वित्तीय आबंटन किया गया है, ताकि खेती का फायदेमंद आर्थिक गतिविधि के रूप में विकास किया जा सके. नए बदलावों में मूल्य श्रृंखला, फसल बाद आवश्यक बुनियादी ढांचे और कृषि उद्यम विकास इत्यादि पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. अब योजना का नाम आरकेवीवाई-कृषि एवं संबंधित क्षेत्र कायाकल्प के लिए लाभकारी पहल (रफ्तार) होगा.
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