टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 02 अप्रैल 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से सनराइज़ मिशन और सुप्रीम कोर्ट आदि शामिल हैं.
सरकार ने लॉन्च किया ‘Aarogya Setu’ मोबाइल ऐप, कोरोना वायरस पर ऐसे करेगा काम
सरकार का मुख्य उद्देश्य इस ऐप के जरिए यूजर्स की मदद करना है ताकि वे यह जान सकें कि क्या वे कोरोना से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए हैं या नहीं. यूजर्स के स्मार्टफोन के लोकेशन डाटा और ब्लूटूथ के इस्तेमाल से संक्रमण का पता लगाया जाएगा.
आरोग्य सेतु ऐप में कई और फीचर भी दिए गए हैं. इसमें दिए गए चैटबॉच की सहायता से आप कोरोना वायरस के लक्षण को पहचान सकते हैं. यह ऐप हेल्थ मिनिस्ट्री के अपडेटस और भारत के हर राज्यों के कोरोना वायरस हेल्प लाइन नंबर की सूची भी देता है.
नासा ने सनराइज़ मिशन की घोषणा की, जानें इसके बारे में सबकुछ
इस मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिकों को सौर मंडल के कामकाज को समझने में भी मदद करना है. यह भविष्य में चंद्रमा और मंगल पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को सौर तूफान से बचाने में भी मदद करेगा. यह मिशन 1 जुलाई 2023 को शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.
सूर्य के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के साथ यह भी पता लगाना कि सूर्य कैसे अंतरिक्ष में मौसम की घटनाओं को प्रभावित करता है. इससे अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यान पर अंतरिक्ष के मौसम के प्रभावों को कम करना आसान होगा. सनराइज़ मिशन में छह क्यूबसैट्स लगे होंगे जो एक बहुत बड़ी रेडियो दूरबीन के तौर पर काम करेंगे.
सरकार ने बीएस-IV वाहनों की सीमित बिक्री की अनुमति दी
सुप्रीम कोर्ट ने वाहन डीलरों (दिल्ली/एनसीआर को छोड़कर) के पास लंबित बीएस- IV स्टॉक (सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के अनुसार) के सीमित और सशर्त बिक्री की अनुमति दी है, जो कुल स्टॉक के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. यह कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन की समाप्ति के 10 दिनों तक वैध होगा.
जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की एक बेंच ने हाल ही में वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले की सुनवाई की. जिसमें स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2020 से दिल्ली-एनसीआर में कोई भी BS-IV वाहन नहीं बेचा जाएगा. बीएस उत्सर्जन मानक वे मानक होते हैं जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किए गए हैं.
विश्व बैंक ने भारत को कोविड-19 परियोजना के लिए 01 अरब डॉलर देने की पेशकश की
विश्व बैंक अपनी कोविड-19 शीघ्र निपटान सुविधा के माध्यम से यह कोष आवंटित करेगा. इस चार वर्ष की परियोजना का उद्देश्य कोविड – 19 महामारी के दौरान भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को विकसित करना है. यह परियोजना दीर्घकालिक नीतियों के निर्माण में मदद करेगी जोकि इस महामारी का अलग स्तर आने पर मदद करेगी.
इस परियोजना की प्रगति को कुछ मुख्य संकेतकों के आधार पर मापा जाएगा जैसेकि SARS-COV-2 प्रयोगशाला परीक्षण के लिए प्रस्तुत नमूना अनुपात, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानक समय-सीमा के भीतर पुष्टि प्रदान की गई है. भारत और विश्व बैंक के बीच इस साझेदारी का उद्देश्य इस महामारी के प्रति भारत की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सुदृढ़ करना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation