संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकाल कोष (यूनिसेफ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि यमन में चार लाख से अधिक बच्चे भुखमरी के खतरे में हैं. यह भी बताया गया कि यमन और सीरिया में लगभग 2.2 मिलियन बच्चों को खराब स्वास्थ्य स्थितियों के कारण तत्काल देखभाल की आवश्यकता है.
यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यमन और सीरिया के क्षेत्रों में बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं पाई गई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि डायरिया, संक्रमण और कुपोषण के कारण हर दस मिनट में कम से कम एक बच्चे की मौत हो जाती है.
मुख्य बिंदु
• यूनिसेफ की रिपोर्ट में यमन और सीरिया में बच्चों की स्थिति के बारे में विभिन्न तथ्य सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों में भुखमरी 'सर्वकालिक उच्च स्तर' पर पहुंच गई है.
• रिपोर्ट में बताया गया है कि कम से कम 4,62,000 बच्चे तीव्र कुपोषण की समस्या से पीड़ित हैं. यह भी देखा गया है कि तीव्र कुपोषण 2014 से अब तक लगभग 200 प्रतिशत तक पहुंच चुका है.
• यमन को मध्य पूर्व क्षेत्र के सबसे गरीब देशों में से एक माना जाता है और यहां बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति भी बेहद खराब है.
• बच्चों में सबसे ज्यादा मौतें (पांच वर्ष से कम आयु) गंभीर कुपोषण के कारण होती हैं. इन बच्चों में तीव्र कुपोषण के कई संकेत पाए जाते हैं जैसे बहुत कम वजन, कंकाल जैसा शरीर, और स्वास्थ्य से जुड़े अन्य गंभीर मुद्दे.
संघर्ष और बच्चे
यूनिसेफ के सत्यापित आंकड़ों के अनुसार संघर्षों और हमलों के कारण इस क्षेत्र में 9000 से अधिक बच्चे मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. यह भी पाया गया कि लगभग 5000 बच्चों (18 वर्ष से कम) को भी लड़ाकू कार्यों में लगाया गया है. लगभग 1000 चिकित्सा सुविधाएं और शैक्षणिक संस्थान हमले की चपेट में आए हैं. यूनिसेफ का मानना है कि युद्ध का प्रभाव बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्थितियों को आघात पहुंचाता है.
संघर्ष का प्रभाव
यूनिसेफ ने बच्चों के जीवन पर संघर्ष के व्यापक प्रभाव पर एक रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में पाया गया है कि हर पांच में से दो स्कूल नष्ट और क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बच्चे खराब स्थिति के कारण पास के स्कूलों में जाने में असमर्थ हैं. यूनिसेफ ने यह भी पाया कि सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में से लगभग आधी पूरे यमन क्षेत्र में तबाह हो चुकी हैं.
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