केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जनवरी 2018 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए कनाडा के साथ सहमति ज्ञापन को मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
यह सहमति ज्ञापन से एक व्यवस्था बनेगी. अनुसंधान एवं विकास तथा भारत और कनाडा के अकादमिक संस्थानों के बीच वैज्ञानिक सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी.
समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएं:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और कनाडा की प्राकृतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान परिषद (एनएसईआरसी) के बीच सहमति ज्ञापन के अंतर्गत भारत और कनाडा के बीच अनुसंधान और विकास सहयोग का नवाचारी मॉडल लागू किया जाएगा.
- सहमति ज्ञापन के अंतर्गत समुदाय परिवर्तन तथा निरंतरता (आईसी-आईएमपीएसीटीएस) कार्यक्रम को गति देने के लिए नवाचारी बहुविषयी साझेदारी हेतु भारत-कनाडा सेंटर को समर्थन दिया जाएगा ताकि भारत-कनाडा बहुविषयी अनुसंधान साझेदीरी को प्रोत्साहित किया जा सके.
- अनुसंधान और विकास परियोजनाओं का उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एप्लीकेशन के माध्यम से समाधान प्रदान करके सामाजिक परिवर्तन में तेजी लाना है.
- सहभागियों में भारत और कनाडा के वैज्ञानिक संगठनों, अकादमी तथा अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशालाओं के अनुसंधानकर्ता शामिल होंगे.
- पारस्परिक सहयोग के चिन्हित क्षेत्रों में सुरक्षित ओर सतत अवसंरचना तथा एकीकृत जल प्रबंधन शामिल हैं.
- इससे संस्थागत नेटवर्किंग विकसित करने तथा भारत और कनाडा के वैज्ञानिक संगठनों, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के बीच संबंधों की स्थापना में मदद मिलेगी.
यह सहमति ज्ञापन नवम्बर 2005 में वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए भातर और कनाडा के बीच हुए अंतर-सरकारी समझौते के अनुरूप है.
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