केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 10 दिसंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में सोन नदी पर तीन लेन के कोईलवर पुल का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश समेत एनडीए के कई मंत्री और नेता वर्चुअल तौर पर मौजूद रहे. आरा जिले के कोईलवर में इस पुल उद्घाटन के साथ ही इस पर आवागमन शुरू हो गया है.
सोन नदी पर 158 वर्षों बाद बिहार को नये पुल की सौगात मिली है. इस पुल के निर्माण पर 266 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है. इस पुल के बन जाने के बाद पुराने कोइलवर पुल पर जाम से मुक्ति मिलगी. साथ ही मध्य व दक्षिण बिहार में यातायात सुगम हो जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्या कहा?
पुल का उद्घाटन करने के बाद, नितिन गडकरी ने कहा कि नए पुल को 'वशिष्ठ नारायण सिंह पुल' के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ ही पुराने अब्दुल बारी पुल का इस्तेमाल अब केवल रेल यातायात के लिए किया जाएगा. गडकरी ने कहा कि मैंने एक बार पुराने पुल पर जाकर अनुभव किया था कि वहां कितनी समस्या है, जिसके बाद ही इस पुल के बनने का रास्ता साफ हो गया था.
उन्होंने कहा कि छपरा-रेवागठ-मुजफ्फरपुर 4-लेन सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है. वहीं मुजफ्फरपुर-सोनवरसा 4-लेन की सड़क का भी 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. उन्होंने कहा कि छपरा-गोपालगंज 4-लेन सड़क 92 प्रतिशत पूर्ण है, जबकि बिहार शरीफ-बड़बीघा-मोकामा सड़क का काम 90 प्रतिशत हो चुका है. इसके अलावा पटना से बख्तियारपुर 4-लेन सड़क 99 प्रतिशत तैयार है.
बिहार में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के साथ - साथ क्षेत्र के विकास को गति देते हुए आज राज्य में NH-30 पर सोन नदी पर बने कोईलवर अपस्ट्रीम पुल का बिहार के मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी, उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद जी और श्रीमती @renu_bjp जी,... pic.twitter.com/VdoBX0Ihba
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) December 10, 2020
नए पुल के निर्माण का लाभ
नए पुल के बन जाने से पुराने कोईलवर पुल पर लगने वाले नियमित जाम से ट्रैफिक को मुक्ति मिलेगी. एनएच-30 कॉरिडोर के पटना से भोजपुर, बक्सर, छपरा, मोहनिया एवं बलिया का यातायात सुगम हो जाएगा. यह स्वर्णिम चतुर्भुज की सड़क तथा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के जरिए देश के अन्य हिस्से से सीधे जुड़ जाएगा.
पुल की लंबाई और चौड़ाई
पुल की लंबाई 1.528 किमी है. पुल के डेक की चौड़ाई 16.0 मीटर है तथा ऊपर में 1.5 मीटर का फुटपाथ भी है. पुल के 74 स्पैन है. प्रत्येक स्पैन की लंबाई 41.3 मीटर है. पीयर में 432 पाइल हैं.
158 साल पुराना है कोईलवर पुल
पटना से आरा और आरा से पटना की तरफ आने वाले ट्रैफिक के लिए पुराना कोईलवर पुल लाइफलाइन है. इसकी उम्र 158 साल है. इसका निर्माण कार्य साल 1856 में शुरू हुआ था. इसका उद्घाटन साल 1858 में वायसराय लार्ड एल्गिन ने किया था.
तीन लेन पर ही फिलहाल परिचालन संभव
छह लेन वाले इस पुल के तीन लेन पर ही फिलहाल परिचालन संभव हो पाया है. इस वर्ष छठ के मौके पर पुल पर ट्रायल परिचालन शुरू किया गया था. यह पटना-बक्सर फोर लेन सड़क का हिस्सा है औैर अलग पैकेज के तहत इसका निर्माण हो रहा. यह पुल एनएच-30 को एनएच-84 से जोड़ रहा है. आरंभ में इसे चार लेन में ही बनाया जाना था पर भविष्य में ट्रैफिक लोड के बढऩे वाले दबाव को ध्यान में रख इस छह लेन में बनाए जाने पर सहमति बनी.
नया पुल फिलहाल वन वे रहेगा
नया पुल फिलहाल वन वे रहेगा. इसका इस्तेमाल आरा से पटना आने वाले ट्रैफिक द्वारा किया जा सकेगा. पटना से आरा जाने वाले वाहन पुराने कोईलवर पुल का ही इस्तेमाल करेंगे.
पटना में गंगा पर नया पुल का निर्माण 2024 तक
कोसी पुल पर भी तेजी से काम हो रहा है वहीं पटना स्थित गंगा नदी पर बने गांधी सेतू के विषय में कहा कि पटना में गंगा पर नया पुल का निर्माण साल 2024 तक हो जाएगा. भागलपुर विक्रमशिला सेतु का निर्माण भी साल 2024 तक कराया जाएगा. पटना के गंगा ब्रिज का नवीनीकरण हुआ है गांधी सेतू के दूसरा लेन को भी दिसबंर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा जिससे उत्तर बिहार से मध्य बिहार का सफर और आसान हो जाएगा. लोगों को जाम से निजात मिल जाएगी.
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