भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका से सैन्य हार्डवेयर डिलीवरी को मंजूरी मिल गई है। जिससे अब अमेरिका भारत को 13.1 करोड़ डॉलर का सैन्य सुरक्षा से जुड़ा सामान भेजेगा। अमेरिका ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 131 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य बिक्री के लिए मंजूरी दी है। रक्षा सुरक्षा सहयोग की ओर से इस सौदे में भारत की समुद्री डोमेन जागरूकता को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूती देना है।
131 मिलियन की सैन्य डॉलर की सैन्य बिक्री को मिल मंजूरी
भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन सैन्य बिक्री के लिए मिला है। अमेरिका ने भारत को हथियारों की बड़ी तादाद भेजने का फैसला किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को 131 मिलियन अमेरिकी डॉलर की विदेशी सैन्य बिक्री को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना है। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी की ओर से इस सौदे में भारत की समुद्री डोमेन जागरूकता को बढ़ाने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।
.@StateDept 🇺🇸 authorizes a Foreign Military Sales #FMS case for 🇮🇳 #India to purchase Indo-Pacific Maritime Domain Awareness software and related equipment for an estimated cost of $131 million. #FMSUpdate - https://t.co/mtIn77bB0r pic.twitter.com/KymVetlmt0
— Political-Military Affairs, US Dept of State (@StateDeptPM) April 30, 2025
एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि 'विदेश विभाग भारत के लिए इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन जागरूकता सॉफ्टवेयर और संबंधित उपकरण खरीदने के लिए 131 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत के लिए एक विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) मामले को मंजूर करता है।'
भारत - अमेरिकी संबंधों को मजबूती मिलेगी
इन हथियारों की बिक्री से भारत अमेरिकी रणनीतिक संबंधों को मजबूती मिल सकेगी। अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों का समर्थन करेगी, जो इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है।
अमेरिका की आधुनिक समुद्री निगरानी तकनीक
अमेरिका की समुद्री निगरानी तकनीक काफी एडवांस्ड मानी जाती है, जिसका साथ अब भारत को मिलने जा रहा है। रडार सिस्टम, सोनार सिस्टम, ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम, ड्रोन और मानव रहित विमान के जरिए अमेरिका की नौसेना और तट रक्षक बल समुद्री तकनीकों का उपयोग करके समुद्री गतिविधियों की निगरानी करती है।
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