भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने 05 जुलाई 2022 को वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ऋषि सनक की जगह नादिम जहावी (Nadhim Zahawi) को वित्त मंत्री नियुक्त किया है. ऋषि सुनक ने चिट्ठी लिखकर बोरिस जॉनसन सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं.
ऋषि सुनक ने ट्वीट किया कि जनता सरकार से यह सही अपेक्षा रखती है कि वह उचित तरीके से, सक्षम तरीके से और गंभीरता से चले. उन्होंने कहा कि लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह गंभीरता और ठीक से काम करे. सुनक ने कहा कि जनता उम्मीद करती है कि सरकार सही तरीके से और गंभीरता से काम करेगी.
वित्त मंत्री सुनक और स्वास्थ्य मंत्री जाविद ने दिया इस्तीफा
इससे पहले वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने 05 जुलाई 2022 को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. इन्होंने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की लीडरशिप का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था. बोरिस जॉनसन ने अपने एक मंत्री पर यौन दुराचार की शिकायत से जुड़े नवीनतम मामले के लिए माफी मांगने की कोशिश की थी. इन दोनों के इस कदम से प्रधानमंत्री जॉनसन की मुश्किलें बढ़ गई हैं जो पहले ही संकट से घिरे हैं.
जानें कौन है ऋषि सुनक?
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को साउथेम्प्टन, हैम्पशायर में हुआ था. उनका जन्म भारतीय माता-पिता यशवीर और उषा सनक के घर में हुआ था. उनके पिता एक सामान्य चिकित्सक थे, जबकि उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं. उनके दादा-दादी पंजाब प्रांत, (ब्रिटिश भारत) में पैदा हुए थे और 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन में आकर बस गए थे.
बता दें तीन भाई-बहनों में सुनक सबसे बड़े हैं. उनके भाई संजय एक मनोवैज्ञानिक हैं और उनकी बहन राखी विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मानवीय, शांति निर्माण, संयुक्त राष्ट्र के फंड और कार्यक्रमों के प्रमुख के रूप में काम करती हैं. उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भारतीय सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फ़ोसिस के कॉ-फ़ाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं.
सुनक विनचेस्टर कालेज, लिंकन कालेज, आक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने द चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट (TCI) में शामिल होने के लिए नौकरी छोड़ दी और सितंबर 2006 में एक भागीदार बन गए. वे साल 2009 में एक अन्य हेज फंड फर्म थेलेम पार्टनर्स में शामिल हो गए.
ऋषि सुनक को साल 2014 में, रिचमंड (यार्क) के लिए कंजर्वेटिव उम्मीदवार के रूप में चुना गया था. बता दें कि इस सीट पर कंजरवेटिव पार्टी का कब्जा 100 साल से अधिक समय से है. उन्होंने साल 2015 से 2017 तक, पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों की चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया.
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