विश्व बैंक ने भारत को कोविड-19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी से संबंधित परियोजना के लिए 01 अरब डॉलर देने की पेशकश की है. विश्व बैंक अपनी कोविड-19 शीघ्र निपटान सुविधा के माध्यम से यह कोष आवंटित करेगा.
इस चार वर्ष की परियोजना का उद्देश्य कोविड – 19 महामारी के दौरान भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को विकसित करना है. यह परियोजना दीर्घकालिक नीतियों के निर्माण में मदद करेगी जोकि इस महामारी का अलग स्तर आने पर मदद करेगी.
इस परियोजना का पूरा ध्यान भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के साथ कोविड-19 के खतरे को कम करने पर केंद्रित होगा. इस प्रस्तावित कोष के माध्यम से, विश्व बैंक और भारत सरकार सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं का पालन करके कोविड-19 महामारी से जुड़े खतरे से बचने के लिए प्रत्येक संभव प्रयास करेंगे.
भारत की कोविड-19 परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
• इस परियोजना का एक लक्ष्य आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी किसी भी संकट से निपटने के लिए पूर्व-तैयारी में भारत की सहायता करना है.
• इस परियोजना की प्रगति को कुछ मुख्य संकेतकों के आधार पर मापा जाएगा जैसेकि SARS-COV-2 प्रयोगशाला परीक्षण के लिए प्रस्तुत नमूना अनुपात, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानक समय-सीमा के भीतर पुष्टि प्रदान की गई है.
• एक अन्य प्रमुख संकेतक कोविड-19 प्रयोगशाला से पुष्टि-प्राप्त ऐसे मामलों का अनुपात होगा जिन पर 48 घंटे के भीतर प्रतिक्रिया दी जायेगी.
• इस परियोजना का एक मुख्य उद्देश्य कोविड-19 के खतरे से समुचित तरीके से निपटने के साथ-साथ भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना भी है.
भारत की कोविड-19 परियोजना का महत्व:
भारत और विश्व बैंक के बीच इस साझेदारी का उद्देश्य इस महामारी के प्रति भारत की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को सुदृढ़ करना है. कोविड – 19 महामारी को रोकने की क्षमता को बढ़ाने के लिए इस परियोजना के तहत भारत को तत्काल सहायता प्रदान की जायेगी.
यह उद्देश्य उन्नत निगरानी क्षमताओं, स्वास्थ्य जांच आदि के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, इससे भारत में कोविड-19 महामारी फ़ैलने का खतरा भी कम और फिर धीरे-धीरे समाप्त हो जायेगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation