विश्व बैंक बांग्लादेश को हाल ही में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि देने की घोषणा की. ढाका में दो दिन की यात्रा पर आए विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने इस निवेश की घोषणा की.
बांग्लादेश सबसे अधिक जलवायु परिवर्तन की चपेट में है. बांग्लादेश में इस राशि से उनकी जिंदगी और आजीविका पर मंडराते संकट से उबारने में मदद करना है.
बांग्लादेश ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अंतर्राष्ट्रीय विकास सहायता संघ से विश्व में सबसे अधिक चौबीस अरब अमरीकी डॉलर लिए है.
बांग्लादेश में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से होने वाली ग्लोबल वार्मिंग से सबसे बुरी तरह से प्रभावित देशों में से एक है. बांग्लादेश में अधिकतर बाढ़ आती है. हालांकि इसे नई तकनीक से बाढ़ों को रोकने की कोशिश की जा रही है.
पांच महीने के मानसून के दौरान अकसर बाढ़ आती है और हजारों लोग बेघर हो जाते हैं.
बांग्लादेश में भीषण बाढ़, तूफ़ान,उष्णकटिबंधीय चक्रवात, और नदी के कटाव, अत्यधिक गर्म हवा के झोंके तथा अप्रत्याशित सूखे की घटनाएं देश के काफी बड़े हिस्से में बढ़ रही हैं.
बांग्लादेश को जलवायु परिवर्तन के खतरे में आने वाली विश्व की नंबर एक अर्थव्यवस्था के रूप में शुमार किया है. देश के तटीय क्षेत्रों को समुद्र के बढ़ते स्तर, उच्च ज्वार और खारे पानी के प्रवेश का सामना करना पड़ता है जो पहले से देश के भीतरी भाग में आगे बढ़ रहे हैं और कृषि के अवसरों को नष्ट करते जा रहे हैं.
जलवायु परिवर्तन क्या है?
अभी पृथ्वी का औसत तापमान लगभग 15 डिग्री सेल्सियस है तथा भूगर्भीय प्रमाण बताते हैं कि पूर्व में ये बहुत अधिक या कम रहा है. लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों में जलवायु में अचानक तेज़ी से बदलाव हो रहा है. मौसम की अपनी खासियत होती है, लेकिन अब इसमे बदलाव हो रहा है. जैसे की गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी होती जा रही हैं. पूरी विश्व में ऐसा हो रहा है.
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