विश्व भर में जैव ईंधन दिवस 10 अगस्त 2018 को मनाया गया. पिछले तीन वर्षों से तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय विश्व जैव-ईंधन दिवस का आयोजन कर रहा है.
जैव ईंधन के विकल्पों को आगे बढ़ाकर सरकार क्रूड के आयात बिल को काफी हद तक कम कर सकती है. भारत सरकार गांव,ग्रामीण सहित देश के सभी लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रयासरत है ऐसे में बायोफ्यूल पर्यावरण के साथ-साथ देश के लिए लाभदायक होगा.
उद्देश्य: |
जैव ईंधन दिवस प्रति वर्ष गैर जीवाश्म ईंधन (हरी ईंधन) के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. |
भारत में विश्व जैव ईंधन दिवस:
- इस वर्ष नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 10 अगस्त 2018 को विश्व जैव-ईंधन दिवस आयोजित किया गया है. इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि हैं और उनके साथ इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री सम्मिलित हुए.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसद इथेनॉल मिलाया जाएगा जिसे 2030 में बढ़ाकर 20 फीसद किया जाएगा. सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है. इथेनॉल उत्पादन के लिए सभी कृषि अपशिष्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- जैव-ईंधन कार्यक्रम भारत सरकार के ‘मेक इन इंडिया’, स्वच्छ भारत और किसानों की आमदनी बढ़ाने वाली योजनाओं के साथ भी सुसंगत है.
- सरकार ने ईंधन में मिलाये जाने वाले एथेनोल पर जीएसटी 18 से घटाकर 5% कर दिया है. तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय एथेनोल की आपूर्ति बढ़ाने के सभी प्रयास कर रहा है और मंत्रालय ने इस दिशा में कई कदम उठाये हैं.
भारत सरकार ने कई ऐसी पहले की हैं जिनसे जैव-ईंधन की मात्रा बढ़ा
वर्ष 2014 से भारत सरकार ने कई ऐसी पहले की हैं जिनसे अन्य ईंधनों में जैव-ईंधनों को मिलाने की मात्रा को बढ़ाया जा सके. मुख्य पहलों में शामिल हैं: एथेनोल के लिये नियंत्रित मूल्य प्रणाली, तेल विपणन कंपनियों के लिये प्रक्रिया को सरल बनाना, 1951 के उद्योग (विकास एवं नियमन) अधिनियम में संशोधन तथा एथेनोल की खरीद के लिये लिग्नोसेलुलोसिक तरीके को अपनाना.
जीवाश्म ईंधन की जागरुकता:
जीवाश्म ईंधन की जागरुकता के लिए हर साल 10 अगस्त के दिन बायोफ्यूल डे मनाया जाता है. जैव ईंधन कच्चे तेल पर आयात निर्भरता को कम कर पर्यावरण में अपना योगदान कर सकता है. साथ ही ये साफ पर्यावरण, किसानों के लिए अतिरिक्त कमाई और ग्रामीण इलाकों में रोजगार की संभावनाएं पैदा कर सकता है.
पृष्ठभूमि:
सर रुदाल्फ डीजल (डीजल इंजन के आविष्कारक) ने 10 अगस्त 1893 को पहली बार मूंगफली के तेल से यांत्रिक इंजन को सफलतापूर्वक चलाया. उन्होंने शोध के प्रयोग के बाद भविष्यवाणी की कि अगली सदी में विभिन्न यांत्रिक इंजन वनस्पति तेल की जगह जीवाश्म ईंधन का प्रयोग किया जा सकेगा. इस असाधारण उपलब्धि को प्रदर्शित करने हेतु प्रति वर्ष 10 वीं अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया जाता है.
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