प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 सितंबर 2018 को नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) की आधारशिला रखा गया. कन्वेंशन सेंटर को औद्योगिक विकास के लिए व्यवसाय और उद्योगों को आकर्षित तथा प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बैठकों, सम्मेलनों तथा प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए आत्याधुनिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.
यह परियोजना नई दिल्ली के द्वारिका सेक्टर-25 में 221.37 एकड़ क्षेत्र में 25,730 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी.
मुख्य तथ्य:
• कन्वेंशन सेंटर में दी जाने वाली सुविधाएं, आकार, गुणवत्ता की दृष्टि से विश्व के श्रेष्ठ केन्द्रों के समकक्ष होंगी और इसमें अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय आयोजनों, बैठकों, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और ट्रेड शो जैसे आयोजन किए जाएंगे.
• यह विश्व के शीर्ष दस सेंटरों में होगा और भारत में सबसे बड़ा इंडोर प्रदर्शनी स्थल होगा. इससे व्यापार उद्योग को बढ़ावा देने के अतिरिक्त पांच लाख से अधिक रोजगार अवसरों का सृजन होगा.
• यह परियोजना औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) द्वारा स्थापित 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एंड एक्जीबिशन सेंटर लिमिटेड (आईआईसीसी लिमिटेड) द्वारा लागू की जा रही है.
• आकार और गुणवत्ता के हिसाब से यह केन्द्र विश्व के बेहतरीन केंद्रों में से एक होगा.
• इसमें अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कार्यक्रमों, बैठकों, सम्मेलनों, प्रदर्शनी और व्यापार प्रदर्शनी आयोजित की जा सकेंगी.
• केंद्र का निर्माण हरित इमारत सिद्धांतों और भारतीय हरित इमारत परिषद (आईजीबीसी) प्लैटिनम रेटिंग मानकों के अनुसार होगा.
• इस सम्मेलन केंद्र में 11 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था और पांच प्रदर्शनी केंद्र होंगे.
परियोजना विवरण:
परियोजना दो चरणों में विकसित की जाएगी:
इसका पहला चरण दिसंबर 2019 तक पूरा होगा.
इसका दूसरा चरण दिसंबर 2024 तक पूरा होगा.
आईआईसीसी परिसर में भूमिगत मेट्रो:
आईआईसीसी परिसर में भूमिगत मेट्रो स्टेशन होगा. साथ हाई स्पीड वाले एयरपोर्ट मेट्रो कॉरिडोर का भी विस्तार होगा. इसका निर्माण दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन करेगी.
परियोजना का क्रियान्वयन भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शनी केंद्र लिमिटेड करेगी. इस कंपनी का गठन औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग ने किया है.
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