मणिपुर में बन रहा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज, जानें इसकी खासियत

Nov 29, 2021, 13:24 IST

इस पुल का निर्माण 141 मीटर की ऊंचाई पर किया जा रहा है. ऊंचाई के लिहाज से यह ब्रिज यूरोप के मोंटेनेग्रो के माला-रिजेका वायडक्ट (139 मीटर) के मौजूदा रिकार्ड को तोड़ देगा. 

World’s highest railway bridge being built in Manipur
World’s highest railway bridge being built in Manipur

भारतीय रेलवे मणिपुर में विश्व के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण कर रही है. यह पुल 111 किलोमीटर लंबे जिरीबाम-इंफाल रेल परियोजना का हिस्सा है. भारतीय रेलवे की यह महात्वाकांक्षी योजना राजधानी मणिपुर को देश के ब्राड गेज नेटवर्क से जोड़ेगी.

इस पुल का निर्माण 141 मीटर की ऊंचाई पर किया जा रहा है. ऊंचाई के लिहाज से यह ब्रिज यूरोप के मोंटेनेग्रो के माला-रिजेका वायडक्ट (139 मीटर) के मौजूदा रिकार्ड को तोड़ देगा. परियोजना के पूरा होने के साथ 111 किमी की दूरी 2-2.5 घंटे में तय की जाएगी.

दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल

वर्तमान में जिरीबाम-इंफाल (एनएच -37) के बीच की दूरी 220 किमी है. इसमें यात्रा के लगभग 10-12 घंटे लगते हैं. निर्माण के बाद, नोनी घाटी को पार करने वाला पुल दुनिया का सबसे ऊंचा घाट पुल बन जाएगा.

'एक्ट ईस्ट' नीति का हिस्सा

यह परियोजना सरकार की 'एक्ट ईस्ट' नीति का हिस्सा है. यह परियोजना पूर्वोत्तर में सभी राज्यों की राजधानियों को ब्रॉड गेज से जोड़ने और क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में रेल नेटवर्क को मजबूत करने पर केंद्रित है.

पुल की कुल लंबाई 703 मीटर

इसी के साथ रेल मंत्रालय ने बताया कि पुल की कुल लंबाई 703 मीटर होगी. पुल के खंभों का निर्माण हाइड्रोलिक ऑगर्स का उपयोग करके किया गया है. लंबे पियर्स को कुशल और निरंतर निर्माण सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन 'स्लिप-फॉर्म तकनीक' की जरूरत है.

ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा 

इस परियोजना के मुख्य इंजीनियर ने बताया कि इस ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि पहला चरण जो कि 12 किमी तक फैला है, वह पहले ही चालू हो चुका है. दूसरे चरण में करीब 98 फीसदी काम पूरा हो चुका है और फरवरी 2022 तक यह भी बनकर तैयार हो जाएगा. तीसरा चरण खोंगसांग से तुपुल तक नवंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. टुपुल से इंफाल घाटी तक फैले पुल का चौथा और आखिरी चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 111 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का 61 प्रतिशत हिस्सा सुरंगों से गुजरता है.

पृष्ठभूमि

परियोजना को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है. केंद्र सरकार ने इसके लिए बजट में 13,809 करोड़ रुपये की घोषणा की गई थी. इस परियोजना को साल 2008 में शुरू किया गया था और इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था.

 

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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