अनुसूचित जनजातियो के राष्ट्रीय आयोग ने देश में अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा संबंधी छठीं वार्षिक रिपोर्ट 2010-11 राष्ट्रपति को 25 अक्टूबर 2013 को सौंपी. इस रिपोर्ट को संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उल्लिखित अनुसंशाओं के प्रस्तावों या आवश्यक कार्यवाही के विवरण के साथ संसद के आगामी सत्र के दौरान दोनों सदनों में रखा जाना है. इसके अतिरिक्त रिपोर्ट में राज्यों से संबंधित की गयी अनुसंशाओं पर राज्यों की विधानसभाओं में रखा जाना है. इस रिपोर्ट में अनुसंशाओं के निष्कर्ष के रूप में सात अध्याय शामिल हैं.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (National Commission for Scheduled Tribes, NCST)
अनुसूचित जनजातियों के राष्ट्रीय आयोग की स्थापना 19 फरवरी 2004 को संविधान की धारा 338 में संशोधन एवं इसमें नई धारा 338ए शामिल करके की गई थी. इस संशोधन से पूर्व संस्था राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग को अलग-अलग आयोगों राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में स्थापित किया गया.
साथ ही, नई धारा 338 ए के अनुसार राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग देश में अनुसूचित जनजातियों की सुरक्षा के लिए किये जाने वाले कामों की रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति को सौंपती है। इन्ही प्रावधानों के अनुपालन में आयोग ने वर्ष 2010-11 की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी.
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