10 सितंबर 2015 को दिए एक फैसले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह कहा कि भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों के अनुच्छेद 30(1) के प्रावधानों के तहत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के प्रबंधन कर्मचारियों का शोषण और परेशान नहीं कर सकते.
अनुच्छेद 30(1) के तहत सभी अल्पसंख्यकों, चाहे वे धर्म या भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक हों, को उनकी पसंद का शिक्षण संस्थान स्थापित और प्रशासित करने का अधिकार है.
यह टिप्पणी कानपुर के एक कॉलेज प्राचार्य, जिन्हें एक अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान के प्रबंधन ने बिना उचित पूछताछ के बर्खास्त कर दिया था, के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई. प्राचार्य को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में बर्खास्त किया गया था.
कॉलेज प्रबंधन के आदेश को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने कहा कि प्राचार्य को बर्खास्त करने से पहले, सुनवाई का मौका और गवाहों से पूछताछ किया जाना अनिवार्य था लेकिन पूछताछ अधिकारी ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया.
अदालत के अनुसार प्रबंधन ने उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम, 1921 का उल्लंघन किया है.

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