विदेशी मुद्रा के मुकाबले भारतीय रुपये की गिरती कीमत को रोकने के तमाम उपायों के बावजूद स्थित में विशेष सुधार न होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने 23 जुलाई 2013 को कुछ कड़े कदम उठाये. केंद्रीय बैंक ने बैंकों के के न्यूनतम दैनिक नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआऱ, Cash Reserve Ratio, CRR) को बढ़ाकर अपनी आवश्यकता का 99 फीसदी कर दिया. इससे पहले यह 70 फीसदी था.
नकद आरक्षी अनुपात वह राशि है जो कि बैंकों को दैनिक रूप से रिजर्व बैंक के पास रखनी पड़ती है.
रिजर्व बैंक ने एक अन्य कदम उठाते हुए प्रावधान किया कि प्रत्येक अलग-अलग बैंक द्वारा एलएएफ (Liquidity Adjustment Facility, LAF) के लिए पहुंच की कुल सीमा दूसरे पिछले पखवाड़े के अंतिम कार्य दिवस को इसकी स्वयं की निवल मांग और मीयादी देयताओं के बकाया के 0.5 प्रतिशत पर निर्धारित की गई है।
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