केंद्र सरकार द्वारा किन्नरों के सशक्तिकरण के लिए शुरु की गई पांच उप– योजनाओं को ओडीशा सरकार ने सितंबर 2015 के तीसरे सप्ताह में लागू करने का फैसला किया.
राज्य सरकार का नव निर्मित सामाजिक सुरक्षा एवं विकलांग सशक्तिकरण विभाग (एसएसईपीडी) इन उप– योजनाओं का कार्यान्वयन करेगा.
विभाग ने किन्नरों की मान्यता के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया है. मान्यता के आधार पर विभाग उन्हें तीसरे लिंग का प्रमाणपत्र देगा. इसके अलावा, प्रत्येक किन्नर के माता– पिता को 1000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
प्री– मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत, डे स्कॉलर किन्नरों को 150 रुपये और छात्रावास में रहने वाले किन्नरों को 350 रुपये दिए जाएंगे. किन्नर छात्रों को 550 रुपयों और छात्रावास में रहने वाले किन्नरों को 1200 रुपयों की मासिक पोस्ट– मैट्रिक छात्रवृत्ति 10 महीनों तक दी जाएगी.
प्रत्येक किन्नर प्रशिक्षु को उनके कौशल विकास पाठ्यक्रम के 200 घंटों के लिए 15000 रुपये दिए जाएंगे. एक बैच में 30 प्रशिक्षु होंगे. प्रशिक्षुओं के लिए 1000 रुपये मासिक वजीफा होगा.
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