औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के संकलन का संशोधित संस्करण 5 अप्रैल 2013 को प्रस्तुत किया. इस संशोधित संस्करण में वर्ष 2012 के दौरान नीति में के गए बदलाव को शामिल किया गया है. यह एफडीआई नियमों के संकलन का छठा संस्करण है.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी मामलों में डीआईपीपी केंद्रीय एजेंसी की भूमिका निभाती है. भारत की एफडीआई व्यवस्था को निवेशकों के लिए आसान बनाने के उद्देश्य से विभाग ने सभी संबद्ध नीति को एक दस्तावेज में प्रस्तुत किया है.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों के संकलन के संशोधित संस्करण के मुख्य बिंदु
• बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के लिए नियमों में किए गए बदलाव तथा पाकिस्तानी नागरिकों और कंपनियों को देश में निवेश की अनुमति देने को लेकर नियमों में किए गए बदलावों को संकलित किया गया है.
• एकल खुदरा ब्रांड, संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (एआरसी), पावर एक्सचेंज, नागर विमानन, प्रसारण तथा गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के मामले में नीतियों में किए गए बदलाव को भी जोड़ा गया है.
• शेयरों के निर्गम मूल्य के संदर्भ में एक नया पैरा इसमें जोड़ा गया है.
• सरकार ने बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में 51 प्रतिशत तथा बिजली ट्रेडिंग एक्सचेंज में 49 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है.
• एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत तथा प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई है.
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