कृषि उद्योग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research, ICAR, आईसीएआर) के मध्य फसल, बागवानी, खाद्य प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा, कृषि अभियांत्रिकी और मत्स्य जैसे विभिन्न कृषि क्षेत्रों के बिक्री के लिए तैयार साठ से अधिक कृषि प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण के लिए समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए.
समझौता पत्रों पर यह हस्ताक्षर नई दिल्ली में 20 जुलाई 2013 को संपन्न दो दिवसीय कृषि प्रौद्योगिकी निवेशक सम्मेलन- 2013 (Agri-Tech Investors Meet 2013) के दौरान किए गए. इस सम्मेलन में विभिन्न कृषि क्षेत्रों के साठ से अधिक बिक्री के लिए तैयार कृषि प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी किया गया.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. एस अयप्पन ने कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने और व्यापार के लिए जरूरी संसाधनों और सेवाओं के जरिए सफलतापूर्वक विकसित उद्यमी कंपनियों और उनकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने उद्योग से सक्रिय भागीदारी निभाने और देश के लाखों किसानों तक कृषि प्रौद्योगिकी पहुंचाने के लिए उनके व्यावसायीकरण की भी अपील की.
सम्मलेन में योजना आयोग के सदस्य और राज्यसभा सांसद डॉ. के कस्तूरीरंगन ने वैज्ञानिकों और कृषि उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित किया.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के तहत एक स्वायत्तशासी संस्था है. इसकी स्थापना सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के तहत 16 जुलाई 1929 को की गई थी. पहले इसका नाम इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (Imperial Council of Agricultural Research) था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.
आईसीएआर के अध्यक्ष केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार एवं इसके महानिदेशक डॉ. एस अयप्पन हैं.
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