केंद्रीय कैबिनेट ने 02 दिसंबर को लिए एक फैसले में एंटी हाइजैकिंग बिल 2014 को मंजूरी दे दी. बिल में दोषियों (हाइजैकर्स) के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है. बिल में दोषियों के लिए आजीवन कारावास और उनकी चल-अचल संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान है.
बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र (वर्ष 2014) में पेश किए जाने की संभावना है. कैबिनेट ने वर्ष 1994 में संशोधित हो चुके एंटी हाइजैकिंग एक्ट- 1982 और एंटी हाइजैकिंग बिल 2010 को वापस लेने का निर्णय भी लिया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की बैठक मे लिया गया .
एंटी हाइजैकिंग (सेशोधन) बिल, 2010 -
एंटी हाइजैकिंग बिल, 2010 को वर्ष 1999 मे इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814 को काठमांडू से अपहरण करने के कारण लाया गया था. इस बिल में 9/11 हमले के बाद संशोधन आवश्यक हो गया था, जिसमें हवाई जहाजों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया था.
यह बिल राज्यसभा में 19 अगस्त, 2010 से लंबित था. जिसे तत्कालीन उड्डयन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा पेश किया गया था. इस बिल को परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया गया था.
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