प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 5 मई 2015 को हुई केबिनेट की बैठक में भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौते पर 119वें संविधान संशोधन को मंजूरी दी गयी.
इस समझौते के तहत भारत और बांग्लादेश एक-दूसरे के अधिकार में मौजूद कई क्षेत्रों का आदान-प्रदान करेंगे.
बिल में पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय के अतिरिक्त असम के कुछ क्षेत्र भी इसमें शामिल हैं.
इस बिल को पारित करने के लिए संसद के समर्थन की आवश्यकता होगी साथ ही राज्यों की विधानसभाओं का भी 50 प्रतिशत समर्थन आवश्यक है.
इससे पहले वर्ष 2013 में यह बिल राज्य सभा में रखा गया था एवं प्रवर समिति के समर्थन के लिए भेजा गया था, जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के शशि थरूर द्वारा की गयी. बाद में समिति ने सर्वसम्मति से समझौते के कार्यान्वयन की सिफारिश की.
पृष्ठभूमि
6 दिसम्बर 2011 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा के दौरान भारत और बांग्लादेश के मध्य भूमि सीमा समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किये गए. यह समझौता ढाका में मनमोहन सिंह एवं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मध्य बातचीत के बाद किया गया.
इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 27 जून 2014 को बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेताओं के साथ भूमि सीमा समझौते पर चर्चा की.
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