प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 मार्च 2015 को ई-क्रांति: राष्ट्रीय ई-गवर्नेन्स प्लान (एनईजीपी) 2.0 के दृष्टिकोण और प्रमुख घटकों को मंजूरी प्रदान की. ई-क्रांति डिजिटल भारत कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और यह कार्यक्रम इलैक्ट्रोनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तैयार किया गया है.
ई-क्रांति के मुख्य उद्देश्य:
• कायाकल्प एवं निष्कर्ष केंद्रित ई-गवर्नेन्स प्रयासों के साथ राष्ट्रीय ई-गवर्नेन्स प्लान को पुनः परिभाषित करना
• नागरिक केंद्रित सेवाओं के पोर्टफोलियो का बढ़ाना
• प्रमुख सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग को श्रेष्ठतम करना
• उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ तालमेल बिठाना
• अधिक कुशल कार्यान्वयन मॉडलों का उपयोग करना
ई-क्रांति के मुख्य सिद्धांत:
• कायाकल्प और अनुवाद नहीं
• एकीकृत सेवाएं और व्यक्तिगत सेवाएं नहीं
• प्रत्येक एमएमपी में सरकारी प्रोसेस रिइंजीनियरिंग को अनिवार्य करना
• मांग पर आइसीटी बुनियादी ढांचा
• क्लाउड बाई डिफाल्ट
• मोबाइल प्रथम
• तेजी से निगरानी के साथ अनुमोदन
• मानकों और प्रोटोकोल का जनादेश
• भाषा का स्थानीयकरण
• नेशनल जीआइएस (जियो-सैपेटियल सूचना पद्धति)
• सुरक्षा और इलेक्ट्रानिक डाटा संरक्षण
ई-क्रांति का विजन है: ” गवर्नेन्स के कायाकल्प के लिए ई-गवर्नेन्स का कायाकल्प ”. ई-क्रांति का मिशन दक्षता, पारदर्शिता और किफायती लागत पर ऐसी सेवाओं की विश्वसनीयता सुनिश्चित करते समय समेकित एवं इंटरोपेरेबल सिस्टम एवं मल्टीपल मॉडलों के जरिए सभी सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रानिक रूप से नागरिकों के सुपुर्द करने के माध्यम से सरकार का व्यापक कायाकल्प करना है.
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