तापी (टीएपीआई) परियोजना : तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं भारत के बीच 1,735 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक बहुराष्ट्रीय गैस पाइपलाइन परियोजना
तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत अथवा तापी (टीएपीआई) के मध्य प्रस्तावित प्राकृतिक बहुराष्ट्रीय गैस पाइपलाइन परियोजना 4 अक्टूबर 2015 को चर्चा में थी क्योंकि गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (गेल) द्वारा इस परियोजना में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की उम्मीद है.
इस परियोजना का उद्देश्य कैस्पियन सागर प्राकृतिक गैस को तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं भारत पहुंचाना है.
तापी की विशेषताएं
• इसमें तुर्कमेनिस्तान से भारत तक गैस, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के मार्ग से लाई जाएगी.
• तुर्कमेनिस्तान के दौलताबाद से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे पंजाब के नगर फाजिल्का तक की लम्बाई 1,735 किलोमीटर होगी.
• इससे प्रतिवर्ष भारत को 33 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस की सप्लाई की जाएगी. जबकि पाकिस्तान को 42 प्रतिशत (13.8 बीसीएम) तथा अफगानिस्तान को 16 प्रतिशत (5.11 बीसीएम) गैस सप्लाई की जाएगी.
• चारों देशों ने सितंबर 2010 में तापी परियोजना पर हस्ताक्षर किये थे जबकि इसका कार्यान्वयन दिसम्बर 2015 में आरंभ होगा.
• एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने इस परियोजना पर अध्ययन के पश्चात् सहायता राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है. यूरोपियन यूनियन तथा अमेरिका ने भी तापी परियोजना के लिए अन्तरराष्ट्रीय समर्थन प्रदान किया है.
• इस परियोजना का निर्माण 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर में होगा तथा यह वर्ष 2018 तक कार्य करना आरंभ कर देगी.
• इस परियोजना के निर्माण के लिए तुर्कमेनिस्तान अध्यक्षता करेगा तथा बाकी देश तकनीकी-वाणिज्यिक व्यवहार्यता, हिस्सेदारी के समझौते तथा निवेश सहमति के तहत निवेश करेंगे.
टिप्पणी
यह परियोजना चारों देशों के लिए बहुआयामी लाभ प्रदान करेगी. इससे उर्जा के धनी देश तुर्कमेनिस्तान से उर्जा की कमी से जूझ रहे देशों भारत और पाकिस्तान को प्राकृतिक गैस प्रदान की जाएगी.
इसे शांति पाइपलाइन का भी नाम दिया गया है क्योंकि यह अंतकवाद बहुल देशों अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान से होकर गुजरेगी.
तापी परियोजना से भारत गैस आपूर्ति के लिए खाड़ी देशों पर निर्भर नहीं रहेगा तथा अपनी उर्जा आवश्यकताओं को पूरा कर सकेगा.
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· इसमें तुर्कमेनिस्तान से भारत तक गैस, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के मार्ग से लाई जाएगी.
· तुर्कमेनिस्तान के दौलताबाद से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे पंजाब के नगर फाजिल्का तक की लम्बाई 1,735 किलोमीटर होगी.
· इससे प्रतिवर्ष भारत को 33 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) गैस की सप्लाई की जाएगी. जबकि पाकिस्तान को 42 प्रतिशत (13.8 बीसीएम) तथा अफगानिस्तान को 16 प्रतिशत (5.11 बीसीएम) गैस सप्लाई की जाएगी.
· चारों देशों ने सितंबर 2010 में तापी परियोजना पर हस्ताक्षर किये थे जबकि इसका कार्यान्वयन दिसम्बर 2015 में आरंभ होगा.
· एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने इस परियोजना पर अध्ययन के पश्चात् सहायता राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है. यूरोपियन यूनियन तथा अमेरिका ने भी तापी परियोजना के लिए अन्तरराष्ट्रीय समर्थन प्रदान किया है.
· इस परियोजना का निर्माण 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर में होगा तथा यह वर्ष 2018 तक कार्य करना आरंभ कर देगी.
· इस परियोजना के निर्माण के लिए तुर्कमेनिस्तान अध्यक्षता करेगा तथा बाकी देश तकनीकी-वाणिज्यिक व्यवहार्यता, हिस्सेदारी के समझौते तथा निवेश सहमति के तहत निवेश करेंगे.
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