जी-20 शिखर सम्मेलन 2015 तुर्की के अंताल्या में स्थित रेगनम कार्या होटल के कन्वेंशन सेंटर में 15-16 नवंबर, 2015 के बीच आयोजित किया गया.
यह 10वां जी-20 शिखर सम्मेलन था. 9वां जी-20 शिखर सम्मेलन वर्ष 2014 में आस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में 15-16 नवंबर 2014 को आयोजित किया गया. प्रथम जी-20 (G-20) शिखर सम्मेलन वर्ष 2008 में वाशिंगटन में, जबकि 8वां जी-20 (G-20) शिखर सम्मेलन वर्ष 2013 में रूस में आयोजित किया गया था.
शिखर सम्मेलन का केंद्रबिन्दु समावेशी सुनिश्चित करने हेतु रणनीति तैयार करना और सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से वृद्धि करना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, तुर्की ने तीन सूत्री-समग्रता, कार्यान्वयन और विकास हेतु निवेश का प्रस्ताव किया.
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित जी-20 के सभी नेताओं ने भाग लिया. हालांकि, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रेंकोइस होलांड पेरिस में 13 नवम्बर 2015 को हुए समन्वित आतंकवादी हमले के कारण शिखर सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो सके. विदित हो कि पेरिस हमले में 130 लोगों की मौत हो गई थी.
शिखर सम्मेलन के अंत में, तुर्की ने वर्ष 2016 में आयोजन हेतु जी-20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता का दायित्व चीन के प्रतिनिधि समूह को सौंप दिया
जी-20 नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और समन्वित कार्रवाई के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2018 तक अतिरिक्त दो प्रतिशत वृद्धि की दिशा में काम करने का संकल्प लिया.
जी-20 विकसित एवं विकासशील देशों का एक संगठन है. इसका गठन वर्ष 2007 में किया गया था. इसमें G-8 के सदस्य देश-अमेरिका, जापान, जर्मन, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली व रूस और चीन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, भारत, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की व यूरोपीय संघ शामिल हैं.
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